अमृत योजना में भी यही हाल है। जिन वार्डों का सर्वे हुआ, उनकी जगह दूसरे वार्डों में काम हो रहा है। कहीं यह प्रोजेक्ट भी लापरवाही की भेंट न चढ़ जाए, इसके लिए अफसरों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सभापति परिषद की बैठकों में भी खुलकर अफसरों की लापरवाही पर सवाल उठाते रहे हैं।
जल विहार परिसर में करीब 10 लाख लीटर पानी प्रतिदिन साफ करने वाले एसटीपी प्लांट से बैजाताल, बोट क्लब को पानी मुहैया कराया जाएगा। इसके बाद शेष पानी को हाईडेंट लगाकर शहर के मध्य में स्थित पार्क और प्लांटेशन के साथ फायर ब्रिगेड को मुहैया कराने के लिए लक्ष्मीबाई समाधि के पास हाईडेंट लगाया जाएगा। करीब 1.45 करोड़ की लागत से एमबीबीआर (मूवेवल बायो बैड रिएक्टर) प्लांट लगाया जाएगा।
1-स्वर्ण रेखा में डली सीवर की मुख्य ट्रंक लाइन से पानी को पंप किया जाएगा।
2-मूविंग बैड बायोलॉजिकल रिएक्टर के दो प्लांट में पानी जाएगा। जहां बैक्टीरिया सीवर की गंदगी को खत्म करेंगे।
3-पानी ग्रेविटी के जरिए ट्यूब सेटलिंग के दो टैंकों में जाएगा, जहां गंदगी पानी के नीचे बैठेगी। इसके बाद ओवरफ्लो होकर पानी सुपर्णाटेंट टैंक में जाएगा।
4-पानी मल्टी मीडिया फिल्टर में जाएगा, इसके बाद स्लज होल्डिंग टैंक में छोड़ा जाएगा।