मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में वर्चुअल व प्रत्यक्ष रूप से मौजूद मंत्री, जेसी मिल श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों, उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त परिसमापक एवं उद्योग विभाग के राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी, संभाग आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों से चर्चा कर जेसी मिल श्रमिकों की देनदारियों के भुगतान के संबंध में की जा रही कार्रवाई की वस्तुस्थिति जानी।
साथ ही इस कार्रवाई को और तेज करने के निर्देश दिए। इसके अलावा कैलारस शुगर मिल से जुड़े श्रमिकों की समस्याओं का समाधान भी प्रदेश सरकार करेगी। इसी तरह उज्जैन की बंद सोयाबीन फैक्ट्री के श्रमिकों का भुगतान कराया जाएगा।
ये भी पढ़ें: ‘आयुष्मान भारत योजना’ में बड़ा बदलाव, फ्री में करा सकेंगे ‘नॉर्मल डिलिवरी’ जिले को मिलेंगे 80 हजार रोजगार
● सीएम ने कहा, प्रदेश की सभी बंद मिलों पर श्रमिकों का बकाया भुगतान तो सरकार कराएगी ही, साथ ही इन मिलों की जमीन पर औद्योगिक इकाइयां भी स्थापित करेगी। अकेले ग्वालियर जिले में स्थापित होने जा रही औद्योगिक इकाइयों से 80 हजार स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
● प्रदेश सरकार ने चार मिशन बनाए हैं। इनको 54 मंत्रालयों में संयोजित कर सरकार युवा, महिला, किसान व गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रही है। सरकार इस ध्येय के साथ काम कर रही है कि वर्ष 2028 तक प्रदेश में हर जरूरतमंद परिवार का अपना घर हो, गैस चूल्हा हो और परिवार के रोजगार की व्यवस्था हो।
जल्द मिलेगा हक
हमारी सरकार किसी भी औद्योगिक श्रमिक और गरीब परिवार के लिए सदैव उनकी मदद करने के लिए तत्पर है। हमने बंद पड़ीं 25-30 पुरानी मिल और इंडस्ट्री के लिए अभियान चलाया है। इनके लिए निराकरण संवेदनशीलता और संवाद के साथ अभियान के रूप में किया जा रहा है। इंदौर और उज्जैन की कुछ फैक्ट्री के मामलों का निराकरण किया है। मुझे उम्मीद है कि जेसी मिल श्रमिकों के हक का पैसा जल्द से जल्द उनको मिले।- डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री