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ग्वालियर

उपराष्ट्रपति को पसंद आ गई चांदी की ट्रेन, मराठी, नेपाली व्यंजनों का लिया स्वाद

Vice President in MP: ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों से संवाद करते उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जीवाजीराव की प्रतिमा का अनावरण किया और स्टूडेंट्स को संसद के लिए आमंत्रित किया, इसके बाद वे जय विलास पैलेस पहुंचे जहां खाना सर्व करती चांदी की ट्रेन उन्हें बेहद पसंद आई…

ग्वालियरDec 16, 2024 / 10:59 am

Sanjana Kumar

vice president in jai vilas palace gwalior mp

जय विलास पैलेस में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्या सिंधिया के साथ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़.

Vice President Jagdeep Dhankhar in Gwalior: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रविवार को ग्वालियर में थे। यहां तीन कार्यक्रमों में शामिल हुए। महाराजबाड़ा पर एशिया के पहले जियो साइंस म्यूजियम का लोकार्पण किया। जीवाजी विवि में छात्रों से संवाद और जीवाजी प्रतिमा का लोकार्पण किया। जयविलास पैलेस में चांदी की ट्रेन की कार्यप्रणाली समझी। इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम डॉ. मोहन यादव भी साथ रहे।

उपराष्ट्रपति ने छात्रों को संसद में आमंत्रित किया

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को जीवाजी विवि के छात्रों को संसद में आमंत्रित किया। कहा, आप आएं, जिससे मुझे बातचीत करने का मौका मिल सके। आपकी खुशी देख कह सकता हूं कि आपको अच्छा लग रहा है। यह प्रक्रिया एक बार की नहीं, बल्कि लगातार चलती रहेगी। इसलिए न्योते में देरी नहीं करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा, आज भविष्य के लिए ठोस विजन की जरूरत है। एआइ के जमाने में संस्थाओं को जागरूक रहना जरूरी है। क्वालिटी एजुकेशन जरूरी है। शिक्षा को व्यवसाय के बजाय सेवा के रूप में लेना चाहिए।

वे भी समझ रहे कानून की गरिमा

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भ्रष्टाचार-सिफारिश पर प्रहार किया। कहा, छात्रों को सबसे बड़ी चिंता थी कि कहीं उनकी प्रतिभा का आकलन भ्रष्टाचार और सिफारिश से तो नहीं हो रहा है। अब ऐसी स्थिति नहीं है। कानून सबके लिए समान है। पहले कुछ लोगों को कानून पर विश्वास नहीं था और वे खुद को कानून से ऊपर समझते थे और कहते थे कि कानून हमारा क्या कर लेगा। आज उनको भी कानून की गरिमा महसूस हो रही है।

तीन पीढिय़ों को किया याद…

राजमाता के लिए: 1989 में मेरी मुलाकात राजमाता सिंधिया से हुई थी, जब वे राज्यसभा सदस्य थीं और मैं लोकसभा सदस्य। उन्होंने जो आशीर्वाद दिया वह मुझे इस मुकाम पर ले जाएगा, इसका अंदाजा नहीं था।
माधवराव सिंधिया के लिए: कृष्ण, विष्णु के उपनाम माधव हैं। वह मेरे जैसे लोकसभा सदस्य के माधव थे। जिस भी मंत्रालय में रहे, ऐसी अमिट छाप छोड़ी जो आज तक याद है।

ज्योतिरादित्य के लिए: माधव की ज्योति संसद में देखने को मिल रही है। उनके प्रयास से काफी बदलाव हो रहे हैं।
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परंपरागत संकायों की सीमाएं टूटीं

सीएम विशिष्ट अतिथि सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के बलबूते पर ज्ञान-विज्ञान के दायरे में परंपरागत संकायों की सीमाएं टूटी हैं। बीए, बीकॉम और बीएससी परंपरागत सीमाओं को तोड़कर ज्ञान के लिए आयु का भी संबंध खत्म हुआ है। हम किसी भी आयु में ज्ञान और विज्ञान की धारा में जा सकते हैं।
जीवाजीराव सिंधिया की प्रतिमा अनावरण के दौरान उपराष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़, राज्यपाल मंगुभाई पटेल, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मंत्री इंदरसिंह परमार, तुलसी सिलावट, राकेश शुक्ला मौजूद थे।

नेपाली, मराठी व्यंजन चखे

उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने जय विलास पैलेस में दोपहर का भोजन किया। साथ में राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, सीएम, प्रभारी मंत्री भी पहुंचे। उन्हें नेपाली आलू, बड़ौदा पुलाव, सोल कड़ी, कुरकुरी भिंडी, लौकी कोफ्ता कड़ी, श्रीखण्ड सहित अन्य व्यंजन परोसे गए।
सिंधिया के साथ अतिथियों ने महल का दौरा किया। दरबार हॉल में महल के इतिहास और निर्माण के विषय में बताया गया। उपराष्ट्रपति ने विजिटर बुक में सिंधिया परिवार के इतिहास की तारीफ की। लिखा, मुझे इस इतिहास के बारे में और ज़्यादा जानने, समझने की जिज्ञासा है।

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