अब इनके माध्यम से लिए जा रहे तापमान में बदलाव आने से इनकी गुणवत्ता पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। तापमान को लेकर उठ रहे इन सवालों का जवाब पाने के लिए संवेदनशील जगह के रूप में चिन्हित एक चैकपोस्ट पर जाने का निश्चय किया और शहर से दूर दतिया जिले के बॉर्डर पर टीम पहुंच गई। यहां स्क्रीनिंग का काम जारी था, थर्मल गन की गुणवत्ता का पता करने के लिए पत्रिका टीम ने सभी के सामने एक मिनट के अंतराल में दो बार तापमान कराया।
एक बार में 97.7 और दूसरी बार में 96.1 तापमान इस थर्मामीटर में दर्ज हुआ। इस अंतर को लेकर सवाल करने पर पोस्ट पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के कर्मी ने बताया कि मशीन को लेकर तकनीकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारी दे सकते हैं। हम तापमान ज्यादा आने पर जांच केन्द्र भेज देते हैं।
ग्वालियर की सीमा पर बाहरी लोगों की जानकारी दर्ज करने और संक्रमण की आशंका होने पर क्वारंटाइन करने के लिए निरावली, मोहना, बेहटा, डबरा, चितौरा, बेहट में टीमें तैनात की गई हैं। पत्रिका टीम ने शहर से सटी सीमा को छोडकऱ मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर सिंध नदी चैकपोस्ट पर करीब दो घंटे रुककर स्थिति का जायजा लिया।
यह दिखी स्थिति
पुल के एक तरफ ग्वालियर की चैक पोस्ट है, दूसरी ओर दतिया जिले की चैकपोस्ट है।यहां माल ढोने वाले वाहनों को रोका नहीं जा रहा था सिर्फ पूछताछ करके ही जिले की सीमा में प्रवेश दिया जा रहा था। दतिया जिले से यास्मीन नाम की एक महिला को लेकर आए व्यक्ति से पूछताछ हुई तो उसने बताया कि बुखार है और पांच दिन से दतिया में इलाज चल रहा था,आराम नहीं मिला तो अब ग्वालियर लेकर जा रहे हैं। इनके पास परमीशन का लैटर तो था लेकिन अस्पताल का डिस्चार्ज या रैफरल पर्चा नहीं था। इसके अलावा कोटा से आए बच्चों को रीवा छोडकऱ लौट रही एक बस के हैल्पर को भी बुखार था। स्क्रीनिंग में इसका तापमान 102 डिग्री निकला। इन दोनों को डबरा कम्युनिटी हॉल में जांच के लिए भेज दिया गया।
आने-जाने वाले लोगों के सीधे संपर्क में आ रहे पुलिस के जवान और अधिकारियों पर स्तरीय मास्क, दस्ताने आदि नहीं थे। एक पुलिसकर्मी ने बताया कि उनको दस्ताने दिए थे, लेकिन वे फट गए तो दोबारा नहीं मिले। अधिकतर जवान साफी से मुंह ढंककर अपनी सुरक्षा कर रहे थे।
तापमान को लेकर इस तरह वेरिएशन आ सकता है, लेकिन अगर किसी का अधिक तापमान हो तो उसका पता चल जाता है। बाकी तकनीकी जानकारी को लेकर चिकित्सीय विशेषज्ञ से बात करके ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।
कौशलेंद्र विक्रम सिंह, जिला मजिस्ट्रेट