scriptग्वालियर की सुरभि, रोशनी व गायत्री ने की भगवान शिव से शादी | Surabhi, Roshni and Gayatri of Gwalior married Lord Shiva | Patrika News
ग्वालियर

ग्वालियर की सुरभि, रोशनी व गायत्री ने की भगवान शिव से शादी

– देश भर से पीएचडी, इंजीनियरिंग, एमटेक, एमएससी कर चुकीं 450 बेटियां एक साथ बनीं ब्रह्माकुमारी-दुल्हन की तरह सज-धजकर पहुंची समारोह में, खुशी में किया डांस- बेटियों के अभिभावक बोले-ऐसी साक्षात देवी स्वरूपा बेटियों को पाकर धन्य हो गया जीवन

ग्वालियरJul 08, 2023 / 10:42 pm

Narendra Kuiya

ग्वालियर की सुरभि, रोशनी व गायत्री ने की भगवान शिव से शादी

ग्वालियर की सुरभि, रोशनी व गायत्री ने की भगवान शिव से शादी

ग्वालियर. प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू, शांतिवन में देशभर की 450 युवतियों के साथ ग्वालियर की भी तीन बेटियों ने भगवान शिव से विवाह किया। एशिया के सबसे बड़े सभागार में हुए इस अनूठे विवाह के बाद देश की साढ़े चार सौ युवतियों के साथ ग्वालियर की बीके सुरभि, बीके रोशनी व बीके गायत्री भी सदा के लिए ईश्वरीय सेवा में समर्पित हो गईं। ब्रह्माकुमारी के स्थापना वर्ष 1937 से लेकर अब तक 50 हजार से अधिक बहिनें इस तरह भगवान से विवाह कर समाज को समर्पित हो चुकी हैं। ब्रह्माकुमारी मुख्यालय में साल में एक बार के अलावा देश के अलग-अलग केंद्रों पर भी ऐसे आयोजन होते रहते हैं। भगवान शिव से विवाह कर ईश्वरीय कार्य के लिए खुद को समर्पित करने वाली बीके सुरभि और बीके रोशनी वैसे तो सागर जिला की व बीके गायत्री महोबा जिला की रहने वाली हैं, लेकिन कई वर्षों से ग्वालियर के ब्रह्माकुमारी केंद्र पर रहकर ही सेवा कार्य कर रही थीं। इनके साथ विवाह करने वाली अन्य युवतियां समाज के विभिन्न क्षेत्रों से थीं, जिनमें डॉक्टर, इंजीनियर, एमटेक, एमएससी, फैशन डिजाइनर, स्कूल शिक्षिका आदि ने भगवान से विवाह किया। इस अवसर पर बेटियों के अभिभावकों की प्रतिक्रिया भी भावुक करने वाली रही। उनका कहना था कि हम भाग्यशाली हैं कि आज हमारी बेटी समाज कल्याण के लिए संयम का मार्ग अपना रही है। अपने लिए तो सभी जीते हैं लेकिन मेरी बेटी अब विश्व कल्याण के लिए जीएगी। कार्यक्रम में सभी बेटियों ने सात फेरों के साथ सात संकल्प के साथ उनके माता-पिताओं ने भी संकल्प लिए।
5 साल सेवा केंद्र पर रहने पर चयन
राजयोग मेडिटेशन कोर्स के बाद छह माह तक नियमित सत्संग, राजयोग ध्यान के अभ्यास के बाद सेंटर इंचार्ज दीदी की ओर से सेवाकेंद्र पर रहने की अनुमति दी जाती है। तीन साल तक सेवाकेंद्र पर रहने के दौरान संस्थान की दिनचर्या और गाइडलाइन का पालन करना जरूरी होता है। बहनों का आचरण, चाल-चलन, स्वभाव, व्यवहार देखा-परखा जाता है। इसके बाद ट्रॉयल के लिए मुख्यालय शांतिवन के लिए माता-पिता का अनुमति पत्र भेजा जाता है। ट्रॉयल पीरियड के दो साल बाद फिर ब्रह्माकुमारी के रूप में समर्पण की प्रक्रिया पूरी की जाती है। समर्पण के बाद फिर बहनें पूर्ण रूप से सेवाकेंद्र के माध्यम से ब्रह्माकुमारी के रूप में अपनी सेवाएं देती हैं।
ईश्वरीय सेवा के लिए चुना ये मार्ग
ग्वालियर की बीके रोशनी अपनी पढ़ाई ग्रेजुएशन कंप्लीट कर ईश्वरीय सेवा में समर्पित हुई। वह बताती है कि मैंने परमात्मा का ज्ञान बचपन से ही सुना है। आज जहां लोग छोटी-छोटी बातों में दु:खी और अशांत हो जाते है वहां पर ब्रह्माकुमारी बहनें खुश रहकर समाज में खुशियां बांटने का कार्य कर रही है। मुझे भी लगा काश में भी इनके जैसी समाज की सेवा करूं, घर में माता-पिता से छुट्टी मिली तो इस राह पर चल पड़े। ग्वालियर की बीके सुरभि बी.कॉम की पढ़ाई पूरी कर ईश्वरीय सेवा में समर्पित हुई। वह कहती है कि मेरा जन्म एक बहुत ही धार्मिक परिवार में हुआ बचपन से ही मुझे एक अच्छी राह पर चलना और सबका भला करना कभी झूठ नहीं बोलना किसी को दु:ख नहीं देना सिखाया गया। मैं भोलेनाथ की सच्ची पार्वती बनकर आमजन की सेवा करना चाहती हूं, ब्रह्माकुमारीज का यह सत्य ज्ञान बहुत ही खुशी और आनंद देता है इसलिए मैंने इस राह को चुना। वहीं बीके गायत्री कहती है कि बचपन से ही आध्यात्मिक बातों में रुचि थी। यही कारण है कि इस राह को चुन लिया।

Hindi News / Gwalior / ग्वालियर की सुरभि, रोशनी व गायत्री ने की भगवान शिव से शादी

ट्रेंडिंग वीडियो