चार घंटे में पहुंचाया लोगों तक रस्सा
बचाव कार्य के नाम पर पुलिस प्रशासन ने 4 घंटे में सिर्फ पानी में फंसे लोगों तक बमुश्किल रस्सा ही पहुंचा पाया। जबकि फंसे लोग प्रशासन से मदद के लिए चिल्लाते व पुकारते रहे। इस विपरीत परिस्थिति में जहां प्रशासन अगर चाहता था कि सेना का हैलीकॉप्टर लाकर सभी को समय से पहले उस मौत के मंजर से निकाला जा सकता था, या फिर कोई और हाईटेक तरीके से फंसे हुए लोगों को निकाल सकते थे।
बचाव कार्य के नाम पर पुलिस प्रशासन ने 4 घंटे में सिर्फ पानी में फंसे लोगों तक बमुश्किल रस्सा ही पहुंचा पाया। जबकि फंसे लोग प्रशासन से मदद के लिए चिल्लाते व पुकारते रहे। इस विपरीत परिस्थिति में जहां प्रशासन अगर चाहता था कि सेना का हैलीकॉप्टर लाकर सभी को समय से पहले उस मौत के मंजर से निकाला जा सकता था, या फिर कोई और हाईटेक तरीके से फंसे हुए लोगों को निकाल सकते थे।
मंत्री से लेकर प्रशासन तक भगवान भरोसे
दोनों जिलो के एसपी राजेश कुमार हिंगणकर, नवनीत भसीन, कलेक्टर शिल्पा गुप्ता, ग्वालियर कलेक्टर अशोक वर्मा तथा आईजी व कमिश्नर के साथ मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सभी भगवान के भरोसे थे कि पानी कम हो जाए और फंसे हुए लोगों को निकाला जा सके। इधर अगर हल्की सी बारिश होने से बहाव तेज हो जाता तो 40 लोगों की जान जा सकती थी। खास बात यह है कि दोनों जिले की आपदा प्रबंधन की टीम तो पानी के अंदर उतरी तक नहीं, वह भी पानी कम होने का इंतजार करती हुई दिखाई दी।
दोनों जिलो के एसपी राजेश कुमार हिंगणकर, नवनीत भसीन, कलेक्टर शिल्पा गुप्ता, ग्वालियर कलेक्टर अशोक वर्मा तथा आईजी व कमिश्नर के साथ मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सभी भगवान के भरोसे थे कि पानी कम हो जाए और फंसे हुए लोगों को निकाला जा सके। इधर अगर हल्की सी बारिश होने से बहाव तेज हो जाता तो 40 लोगों की जान जा सकती थी। खास बात यह है कि दोनों जिले की आपदा प्रबंधन की टीम तो पानी के अंदर उतरी तक नहीं, वह भी पानी कम होने का इंतजार करती हुई दिखाई दी।
रात 10 बजे आई आईटीबीपी की याद
यहां बता दें कि रेस्क्यू के नाम पर एसडीआरएफ, होमगार्ड व बीएसएफ के कुछ लोग मिलकर पूरे समय में सिर्फ फंसे हुए लोगों तक जैसे-तैसे रस्से को पहुंचा पाए। इस दौरान रात १० बजे तक जब कुछ होता दिखाई नहीं दिया तो पत्रिका संवाददाता लोकेन्द्र सिंह सेंगर ने एसपी शिवपुरी राजेश कुमार से इस अभियान में आईटीबीपी से मदद लेने की बात कही। तब एसपी ने तुरंत आईटीबीपी के डीआईजी सहित अन्य अधिकारियों को फोन करके तुरंत मदद मांगी।
यहां बता दें कि रेस्क्यू के नाम पर एसडीआरएफ, होमगार्ड व बीएसएफ के कुछ लोग मिलकर पूरे समय में सिर्फ फंसे हुए लोगों तक जैसे-तैसे रस्से को पहुंचा पाए। इस दौरान रात १० बजे तक जब कुछ होता दिखाई नहीं दिया तो पत्रिका संवाददाता लोकेन्द्र सिंह सेंगर ने एसपी शिवपुरी राजेश कुमार से इस अभियान में आईटीबीपी से मदद लेने की बात कही। तब एसपी ने तुरंत आईटीबीपी के डीआईजी सहित अन्य अधिकारियों को फोन करके तुरंत मदद मांगी।
वहीं मानवाधिकार के जिला संयोजक आलोक इंदौरिया ने भी आईटीबीपी के अधिकारियो से चर्चा कर मामले में मदद की बात की। इसके बाद रात करीब एक बजे आईटीबीपी के जवान रेस्क्यू का सामान लेकर मौके पर आए, लेकिन तब तक करीब आधा रेस्क्यू हो चुका था। फिर भी आईटीबीपी के जवानों ने आखिर का रेस्क्यू कुछ ही देर में पूरा कर सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस मामले में आईटीबीपी के एक अधिकारी का कहना था कि उनको यह सूचना जल्दी मिल जाती तो वह पहले आकर इन लोगों को आसानी से बाहर निकाल लेते।
चट्टान पर 11 घंटे तक फंसे रहे यह लो घटना के दौरान उस बड़ी चट्टान पर अतुल, प्रेम सिंह राजपूत भोडापुर, रोबिन राजपूत हजीरा, कुलदीप रायकवार हजीरा, सोहिल अंसारी भौडापुर, ललित, अभिषेक वैश्य हजीरा, नंदू हजीरा, आयूष राजपूत हजीरा, संस्कार हजीरा यह सभी एक साथ गए थे। इसके अलावा सीताराम पुत्र मेहरबान कुशवाह, उत्तम पुत्र मेहरबान कुशवाह, प्रंशात पुत्र रामअवतार कुशवाह सभी निवासी ग्वालियर सिंकदर कंपू, कुलदीप पुत्र रामअवतार पंछी नगर, अरूण पुत्र शिव सिंह जाटव और कुशल पुत्र विजय सिह जाटव सभी निवासी ठाटीपुर ग्वालियर।
महिन्द्रा कंपनी के कर्मचारी इरफान पुत्र अजीत खान गुडा-गुड़ी का नाका, नौशाद खान, मुस्ताक खांन ठाटीपुर, शादिक पुत्र इरसाद खान आबारपुरा, रामसेवक प्रजापति रजौदा, मनीष पुत्र हीरालाल अहिरवार नईसडक, चांद खान, जितेन्द्र परिहार टेकनपुर, सौरभ पुत्र सुरेश भदौरिया चार शहर का नाका, शैलेष पुत्र महेश तोमर चार शहर का नाका, अतुल पुत्रमहेश राजपूत बिरला नगर, अमित पुत्रजगदीश ग्वालियर, शाहरूख खांन, तरूण जगताप, अनिल सहानी सहित ४५ लोग शामिल थे।
इनका नहीं लगा सुराग
पानी में जो लोग बहे है उनमें विशाल पुत्र प्रदीप चौहान, लोकेन्द पुत्र भगवान सिंह गिरवाई, अभिषेक पुत्र गब्बर गिरवाई, रवि कुशवाह, ऋषिकांत पुत्र श्याम लाल कुशवाह निवासी शिंदे की छावनी सहित दर्जन भर लोग शामिल हैं।
पानी में जो लोग बहे है उनमें विशाल पुत्र प्रदीप चौहान, लोकेन्द पुत्र भगवान सिंह गिरवाई, अभिषेक पुत्र गब्बर गिरवाई, रवि कुशवाह, ऋषिकांत पुत्र श्याम लाल कुशवाह निवासी शिंदे की छावनी सहित दर्जन भर लोग शामिल हैं।
एनडीआरएफ व अन्य दिनभर की तलाश
घटना के अगले दिन भोपाल से आई एनडीआरएफ व अन्य गोताखोरों ने स्थानीय लोगों की मदद से दिन भर पानी में बहे लोगों को तलाशने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान एनडीआरएफ के राणा संग्राम सिंह के नेतृत्व मे आए 30 जवान व अन्य लोग पूरे दिन पानी में लोगो को तलाशने के लिए रेस्क्यू करते रहे, लेकिन कोई उपलब्धि नहीं मिल पाई। महत्वपूर्ण बात यह है कि शिवपुरी जिले के आपदा प्रबंधन प्रभारी होमगार्ड कमांडेंट एलएन बागरी, भोपाल में अटैच हैं तथा शिवपुरी का प्रभार दतिया के कमांडेंट पर है, जो 15 अगस्त को सुल्तानगढ़ नहीं पहुंच सके थे।
घटना के अगले दिन भोपाल से आई एनडीआरएफ व अन्य गोताखोरों ने स्थानीय लोगों की मदद से दिन भर पानी में बहे लोगों को तलाशने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान एनडीआरएफ के राणा संग्राम सिंह के नेतृत्व मे आए 30 जवान व अन्य लोग पूरे दिन पानी में लोगो को तलाशने के लिए रेस्क्यू करते रहे, लेकिन कोई उपलब्धि नहीं मिल पाई। महत्वपूर्ण बात यह है कि शिवपुरी जिले के आपदा प्रबंधन प्रभारी होमगार्ड कमांडेंट एलएन बागरी, भोपाल में अटैच हैं तथा शिवपुरी का प्रभार दतिया के कमांडेंट पर है, जो 15 अगस्त को सुल्तानगढ़ नहीं पहुंच सके थे।