scriptसुभाष चंद्र बोस जयंती 2020 : प्रदेश में यहां भेष बदलकर रहे थे नेताजी सुभाष बोस, यह थी खास वजह | Subhash Chandra Bose Jayanti 2020 : Netaji Subhas Chandra story | Patrika News
ग्वालियर

सुभाष चंद्र बोस जयंती 2020 : प्रदेश में यहां भेष बदलकर रहे थे नेताजी सुभाष बोस, यह थी खास वजह

सुभाष चंद्र बोस की खोज में श्योपुर आए थे मुखर्जी आयोग के सदस्य

ग्वालियरJan 23, 2020 / 04:27 pm

monu sahu

Subhash Chandra Bose Jayanti 2020 : Netaji Subhas Chandra story

सुभाष चंद्र बोस जयंती 2020 : प्रदेश में यहां भेष बदलकर रहे थे नेताजी सुभाष बोस, यह थी खास वजह

ग्वालियर। तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा….! जय हिन्द। जैसे नारों से आजादी की लड़ाई को नई ऊर्जा देने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज जयंती है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में शुमार होते हैं जिनसे आज के दौर का युवा वर्ग प्रेरणा लेता है। उनका ‘जय हिन्दÓ का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया। उन्होंने सिंगापुर के टाउन हाल के सामने सुप्रीम कमांडर के रूप में सेना को संबोधित करते हुए ‘दिल्ली चलो’ का नारा दिया। गांधीजी को राष्ट्रपिता कहकर सुभाष चंद्र बोस ने ही संबोधित किया था। जलियांवाला बाग कांड ने उन्हें इस कदर विचलित कर दिया कि वह आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। 23 जनवरी को उनकी जयंती है ऐसे में हम उनसे जुड़ी कुछ यादे आपके साथ शेयर कर रहे हैं।
आजादी के महानायक और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस के लापता होने के बाद मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में भी उनकी खोज की गई थी। भारत सरकार के मुखर्जी आयोग का एक दल डेढ़ दशक पहले श्योपुर आया था। दल के सदस्यों ने यहां नागदा व श्योपुर से जानकारी एकत्रित की थी। श्योपुर जिला मुख्यालय के निकट नागदा स्थित नागेश्वर-भूमेश्वर महादेव मंदिर पर लगभग 40 साल तक रहे साधु सी.ज्योतिर्देव को माना जाता था कि वे ही नेताजी सुभाष थे, जो वर्ष 1977 में मृत्यु होने तक नागदा में रहे। इन्हीं बातों की सच्चाई जानने के लिए मुखर्जी आयोग का दल श्योपुर आया था। हांलाकि आयोग भी नेताजी के जीवन के अंतिम समय में श्योपुर में होने की पुष्टि नहीं कर पाया।
Subhash Chandra Bose Jayanti 2020 : Netaji Subhas Chandra story
5 सदस्यीय टीम ने देखे दस्तावेज
कमिश्नर एनके पांजा के नेतृत्व में 5 सदस्यीय दल 12 जुलाई 2001 ने यहां लगभग एक सप्ताह तक रुककर विभिन्न साक्ष्य प्राप्त किए। सदस्यों ने नागदा वाले बाबा की वस्तुओं को देखा और उनके छायाचित्रों के साथ उनके अनुयायियों से भी जानकारी प्राप्त की। आयोग ने स्व.रामभरोसे शर्मा नागदा, लहचौड़ा के चिरोंजी लाल शर्मा आदि के बयान दर्ज किए।
Subhash Chandra Bose Jayanti 2020 : Netaji Subhas Chandra story
बदलवा दिया था चंबल नहर का मार्ग
श्योपुर के मानसिंह चौहान बताते हैं, बाबा 23 जनवरी को यूनीफॉर्म में नजर आते थे। जब चंबल नहर की खुदाई हुई तो उसमें नागदा व हासांपुरा गांव आ रहे थे, लेकिन जब ग्रामीणों ने बाबा से गुहार लगाई तो बाबा ने पं.नेहरू को पत्र लिखा और नहर का रास्ता बदल गया। बाबा के दस्तावेज, साहित्य आदि थे, वो आयोग के समय प्रशासन के पास रख दिए गए थे।
Subhash Chandra Bose Jayanti 2020 : Netaji Subhas Chandra story

Hindi News / Gwalior / सुभाष चंद्र बोस जयंती 2020 : प्रदेश में यहां भेष बदलकर रहे थे नेताजी सुभाष बोस, यह थी खास वजह

ट्रेंडिंग वीडियो