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हर महीने थाने में जमा करनी होगी डिजिटल डिटॉक्सिफिकेशन रिपोर्ट
ग्वालियर खंडपीठ के न्यायमूर्ति आनंद पाठक की एकल पीठ में ये फैसला लिया गया कि, कृषि विज्ञान के छात्र हरेन्द्र त्यागी की जमानत का आवेदन स्वीकार करते हुए कहा, अदालत ने छात्र को दो महीने तक सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रखने और हर महीने डिजिटल डिटॉक्सिफिकेशन की रिपोर्ट थाने में देने को कहा। अदालत ने शर्त रखी है कि, अगर छात्र इसमें असफल रहता है तो उसकी जमानत निरस्त कर दी जाएगी।
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इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ था छात्र पर केस
अदालत द्वारा ये फैसला छात्र की प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट (पीएटी) की पढ़ाई पूरी करने के लिए दिया गया है। छात्र के वकील सुशांत तिवारी ने बताया कि, भिंड जिले के रहने वाले त्यागी के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है। त्यागी के खिलाफ भादवि 323 (मारपीट) धारा 294 (अश्लील हरकतें, गाने), धारा 506 (आपराधिक धमकी) तथा अन्य संबद्ध धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
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दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद लिया फैसला
तिवारी के मुताबिक, उनका मुवक्किल 24 जून से कारावास में है तथा कोविड-19 महामारी के चुनौती पूर्ण समय को देखते हुए उसके मामले में सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाना चाहिए। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद न्यायमूर्ति पाठक ने त्यागी को कुछ शर्तों के साथ जमानत देने का फैसला लिया। इसके अलावा त्यागी को जमानत पर रिहा करने के लिये निचली अदालत में 50,000 रुपये के निजी मुचलके के साथ एक सॉल्वेंट जमानत देने का भी निर्देश दिया है।