ग्वालियर। सोन चिरैया अभ्यारण्य में तिघरा इलाके की रामपुर बीट में कुछ कॉलोनाइजर्स समेत करीब 80 भवन निर्माताओं को हट जाने के नोटिस जारी किए गए हैं।
वन विभाग ने नोटिस की भाषा बेहद सख्त रखी है। साफ कर दिया है कि अगर भवन नहीं गिराए तो उन्हें ढहाने के लिए कठोर कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक तिघरा इलाके में करीब आधा दर्जन कॉलोनियों ने विकास के लिए रणनीति बनाई है। इसके लिए बिल्डर्स ने बाकायदा प्लाटिंग तक कर डाली है। विशुद्ध रूप से जंगल के समतल क्षेत्रों में लोगों को ये कहकर बरगलाया गया है कि उनके प्लॉटों को बाद में पट्टे की शक्ल में मान्यता दिला दी जाएगी। इस लालच में काफी लोगों ने इस क्षेत्र में बाकायदा पक्के भवन भी बना लिए हैं। वन विभाग ने इस मामले में सर्वेक्षण कर 80 से अधिक अतिक्रामकों को चिह्नित कर उनके खिलाफ नोटिस जारी कर दिए हैं। सोन चिरैया अभयारण्य क्षेत्र के प्रभारी अधिकारी प्रकाश कुमार शर्मा ने बताया कि नोटिस अवधि खत्म होने वाली है। अतिक्रामकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्रीवास्तव के मुताबिक सोन चिरैया अभयारण्य क्षेत्र में करीब दो सौ हैक्टेयर क्षेत्र में हेबीटेट सेंटर स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए हम विशेष सतर्कता बरत रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले रामपुर बीट के ही राजस्व इलाके मसलन तालपुरा, औढ़पुरा आदि क्षेत्रों के राजस्व क्षेत्र में करीब आधा दर्जन कॉलोनियां काट दी गईं थीं। वहां भू माफिया ने न केवल पक्की सड़कें बना रखी थीं, बल्कि बिजली के खंभे भी गड़वा दिए थे। बाद में प्रशासन ने वहां निर्माण रुकवा दिए। जमीन भी पुन: सरकारी घोषित कर दी। हालांकि सियासी दबाव में अभी तक इन कॉलोनियों के पक्के निर्माण को जमींदोज नहीं किया जा सका, जबकि प्रशासन इसके लिए दो साल में चार बार नोटिस जारी कर चुका है।
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