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ग्वालियर

119th Foundation Day: सिंधिया फोर्ट स्कूल का 100 वर्ष का गौरवपूर्ण इतिहास

सिंधिया राजवंश के शासक माधवराव सिंधिया ने 118 साल पहले सरदारों के बच्चों के लिए शुरू किया था। सरदारों के बच्चों के लिए शुरू किए गए इस स्कूल ने आज देश ही नहीं विश्व में पहचान बनाई है। 

ग्वालियरOct 21, 2016 / 08:21 am

Gaurav Sen

scindia fort school

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ग्वालियर। ऋषि गालव की तपस्थली पर, बसे हुए अविराम, पुण्य तीर्थ, हे ज्ञान तीर्थ, हे विद्या के धाम, तुमको विनत प्रणाम… इस गीत के साथ ही शिक्षा की अलख जगा रहे सिंधिया स्कूल फोर्ट अपने अंदर पूरा इतिहास समेटे हुए है। 

सिंधिया राजवंश के शासक माधवराव सिंधिया ने 118 साल पहले सरदारों के बच्चों के लिए शुरू किया था। सरदारों के बच्चों के लिए शुरू किए गए इस स्कूल ने आज देश ही नहीं विश्व में पहचान बनाई है। सिने स्टार सलमान खान, अरबाज खान, मीत ब्रदर्स सहित कई अन्य हस्तियों ने यहां अध्ययन किया और देश-विदेश में नाम रोशन किया। स्कूल के वैभव की बात करें तो यहां लगभग 100 वर्ष पहले स्कूल के सभी स्टूडेंट्स के पास एक घोड़ा था और उससे ही वे परिसर में घूमते थे। 

अस्ताचल प्रतिबिंब है
नगर के कोलाहल से दूर नैसर्गिक सौंदर्य के मध्य ग्वालियर के ऐतिहासिक दुर्ग पर स्थित सिंधिया स्कूल का नाम अग्रण्य है। स्कूल का भवन व होटल जरूर पराने हों, लेकिन वे जीवंतता का इतिहास समेटे हुए हैं। कैंपस में 22 खेल मैदान हैं, जिसमें क्रिकेट, लॉन टेनिस, स्वीमिंग पूल, हार्स राइडिंग, बॉक्सिंग से लेकर हर तरह के इंडोर गेम, ओपन थिएटर हैं। इसी स्कूल में 13 हाउस में स्टूडेंट्स रहते है।


दो वर्गों में बांटा गया
शिक्षा और आवास की दृष्टि से इसे दो वर्गों में बांटा गया है। क्लास तीसरी से छठी तक जूनियर वर्ग और क्लास सातवीं से बाहरवीं को सीनियर वर्ग में रखा गया है। जूनियर वर्ग के छात्र जनकोजी, दत्ताजी व कनेरखेड़ छात्रावास एवं सीनियर वर्ग जयाजी, रणोजी, महादजी, जीवाजी, शिवाजी, माधव, जयप्पा छात्रावास में रहते है। सभी छात्रावास के नाम सिंधिया राजवंश से संबंधित व्यक्तियों के नाम पर रखे हैं।


अनुशासित जीवन
अनुशासित जीवन यहां सिंधिया स्कूल को दूसरों से अलग बनाती है। घंटी बजते ही बच्चे योग करने पहुंच जाते हैं। होस्टल में ही स्नान के बाद ड्रेस निरीक्षण और नाश्ता।


उसके बाद भजन और प्रार्थना के बाद पढ़ाई। पढ़ाई के बाद लंच और फिर स्टूडेंट्स स्कूल कैंपस में कुछ भी खेल सकने के लिए स्वतंत्र। सिंधिया स्कूल के अद्र्ध वृत्ताकार खेल नाट्य मंच के निर्माण में वहीं के स्टूडेंट्स ने काफी योगदान दिया है।


केबिनेट मंत्री (स्व.माधवराव सिंधिया, नटवर सिंह, अर्जुन सिंह, अरूण नेहरू) अनेक सांसद व विधायक, विशिष्ट सैन्य अधिकारी (ले.जनरल समी खान, ले.जनरल अशोक हांडू) प्रमुख्य उद्योगपति, कलाकार (जयंत कृपलानी, जलाल आगा,सूरज बडज़ात्या, अरबाज खान, अनुराग कश्यप सलमान खान) संगीतज्ञ (आनन्द शंकर, नितिन मुकेश) इस स्कूल के स्टूडेंट्स रह चुके हैं।


डॉ. माधव देव सारस्वत, प्राचार्य सिंधिया स्कूल फोर्ट

स्कूल में शिक्षा के अतिरिक्त छात्रों के व्यक्तित्व का बहुमुखी विकास होता है। इन्हें आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर, सहयोग, अनुशासन आदि मानवीय गुणों की शिक्षा दी जाती है। यहां चरित्र निर्माण के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान किए जाते हैं। पूर्व और पश्चिम, अतीत और वर्तमान का संगम स्थल यह स्कूल समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह कर पूर्ण सक्षम और सफल भावी कर्णधारों का निर्माण करता है।
सिंधिया स्कूल में पिता के साथ सलमान व अरबाज

माधव अवार्ड से सम्मानित करते ज्योतिरादित्य सिंधिया

बच्चों को पुरस्कार देते नबाव पटौदी




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