आवाज उठाने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
इस गबन की शिकायत किसानों ने सात महीने पहले की थी, लेकिन इसे विभागीय स्तर पर दबा दिया गया। इसके बाद 26 जून को ग्वालियर में प्रमुख सचिव की बैठक में यह मामला सामने रखा गया। इस बैठक में जांच के आदेश दिए गए, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हाल ही में भाजपा विधायक मोहन सिंह राठौड़ ने संभागीय बैठक में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया, जिसके बाद प्रमुख सचिव ने कड़ी फटकार लगाई। इसके बाद चार आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। ये भी पढ़े- वन विभाग की टीम पर हमला, खनन माफिया के लोगों ने किया पथराव घोटाले की जांच में हुआ खुलासा
घोटाले की जांच चार सदस्यीय टीम ने की। जांच में सामने आया कि कुल 4.5 लाख रुपये से अधिक की हेराफेरी की गई है। आरोपियों में बनवार संस्था के पूर्व प्रबंधक बालकृष्ण चौबे, सहकारी बैंक शाखा आंतरी के पूर्व प्रबंधक हीरालाल साहू, पर्यवेक्षक गंगा सिंह ठाकुर और कैशियर भगवती प्रसाद पाराशर शामिल हैं। कुल 25 किसानों ने शिकायत की थी कि उनके नाम पर लोन लेकर नोटिस भेजा गया, जबकि उन्होंने कोई लोन लिया ही नहीं। जांच में यह भी पाया गया कि मृतक किसान के नाम पर लोन स्वीकृत किया गया और चार अन्य किसानों का बकाया छुपाया गया।
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एडिशनल कलेक्टर अंजू अरुण ने इन शिकायतें को सही बताया। आरोपियों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एएसपी निरंजन शर्मा ने कहा कि यह गबन और बड़े स्तर का हो सकता है। 12-13 किसानों के हस्ताक्षरों की विशेषज्ञ जांच कराई जा रही है। संभव है कि और भी मामले सामने आएं।