इस एप के जरिए उपभोक्ताओं को यह जानकारी भी मिल जाएगी कि राशन दुकान पर खाद्यान्न आ गया या फिर नहीं आया। वहीं राशन दुकान संचालक भी उपभोक्ताओं से किसी तरह की झूठ भी नहीं बोल पाएंगे। दरअसल कई अपात्र लोग भी राशन दुकान से खाद्यान्न सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे है। वहीं कई जगह राशन दुकान संचालक भी गड़बड़ी कर रहे है। ऐसे में पात्र उपभोक्ताओं को भी राशन नहीं मिल पाता है।
फिलहाल यह एप सिर्फ एंड्रायड मोबाइल का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के मोबाइल फोन में ही चलेगा। वहीं जिन लोगों के पास एंड्रायड मोबाइल नहीं है, वह अपने आस-पास के अन्य व्यक्ति के मोबाइल फोन के माध्यम से यह पता कर सकता है। इसके अलावा राशन दुकान से राशन नहीं मिलना, दुकान समय पर नहीं खुलना, पूरी मात्रा में राशन नहीं देना, या अन्य कोई परेशानी हो तो, उसकी शिकायत भी उपभोक्ता सीधे एप पर भेज सकता है, जिसका निराकरण जिले में बैठे अधिकारी देखकर कर सकेंगे।
जिले में एक लाख 6 हजार 800 ऐसे उपभोक्ता है। जिनका इस एप के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा। बताया गया है कि सत्यापन कार्य जल्द शुरु होगा। इसके लिए जिले में पंचायत स्तर पर दो सदस्यीय दलों का गठन कर दिया गया है। दल में सचिव और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेगी। जहां पटवारी उपलब्ध है, वहां पटवारी भी इस दल में शामिल रहेगा। यह दल घर-घर जाकर उपभोक्ताओं का सत्यापन करेगा। एक दल को 200 परिवारों का सत्यापन करना होगा। सत्यापन के दौरान जो उपभोक्ता अपात्र मिलेगा, उसका खाद्यान्न मिलना बंद हो जाएगा।
02-सदस्यीय दल का किया गया पंचायत स्तर पर गठन
200-परिवारों को करना होगा एक दल को सत्यापन