मिठाई कारोबारियों ने बताया कि मार्च महीने में दूध के दाम दो से तीन रुपए प्रति किलो बढ़ गए थे जिसके चलते मिठाईयों के भाव भी बढ़ गए थे लेकिन मार्च के बाद मिठाई बनाने से जुड़ी सामग्री महंगी होने से इसका असर सीधा मिठाई कारोबारियों पर पड़ रहा है । मिठाई की लागत भी बढ़ गई है।
मिठाई कारोबारी हाल ही मिठाई के दाम नहीं बढ़ा सकते थे ग्राहकी प्रभावित हो सकती थी। इसके अलावा कोविड के चलते मांग भी घट गई इसलिए चाहकर मिठाई कारोबारी दाम नहीं बढ़ा पाए थे। लेकिन अब दीपावली के त्योहार पर मांग अधिक होने से अब मिठाई कारोबारियों को मौका मिल गया है और मिठाईयों दामों में धनतेरस से पहले वृद्धि देखने को मिल सकती है। कारोबारियों की मानें तो 25 से 30 रुपए प्रति किलो तक भाव में इजाफा हो सकता है।
ऐसे बढ़ी लागत मिठाईयों की लागत
मिठाई कारोबारियों ने बताया कि शुद्ध घी का एक टीम पिछले साल 6000 रुपए का आता था वह अब 80000 रुपए का आ रहा है। दूध भी 35 से 40 रुपए प्रति किलो थी। अब 55 से 60 रुपए खरीदना पड़ रहा है। कमर्शियल सिलेंडर जो 1400 रुपए का आता था वह अब 2000 रुपए का मिल रहा है। इसके अलावा बेसन 85 से 90 रुपए प्रति खरीदना पड़ रहा है जो 62 रुपए प्रति किलो था। मिठाईयों में दालों का भी उपयोग होता है दालों के दाम भी काफी बढ़ गए हैं।
दुकानदारों की बातों में फर्क
कुछ कारोबारियों का मानना है कि मार्च के महीने में ही मिठाईयों के भाव बढ़े थे इसलिए अभी भाव बढाना उचित नहीं। जल्द-जल्द भाव बढ़ाने से ग्राहकी प्रभावित होगी। जबकि कुछ कारोबारियों का कहना है कि मिठाई से जुड़ी हर चीज महंगी हो गई है जिसका सीधा असर लागत पर पड़ा है। भाव बढ़ाना मजबूरी बन गया है।