1 लाख लोगों को होगा फायदा
बिजली के पोल लगकर तैयार हो गए हैं और उनमें बिजली के तार को डाला जा चुका है। बिल्डिंग भी बनकर तैयार हो चुकी है और थोड़ा काम शेष रह गया है जो अगले महीने तक पूरा होने की संभावना है। इस उपकेन्द्र के बनने के बाद ग्वालियर शहर के करीब एक लाख उपभोक्ताओं को लाभ होगा। मध्यप्रदेश में स्थापित होने वाली यह सबसे अनूठी एकमात्र पहली परियोजना है, जिसमें जीआइएस तकनीकी आधारित उपकेन्द्र व मोनोपोल आधारित पारेषण लाइन का निर्माण किया जाएगा।
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ये होगा फायदा…
-विभिन्न क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने वाली शहर की 33 केवी लाइनों की लंबाई कम होगी। -33 केवी लाइनों की लंबाई कम होने से ट्रिपिंग और लाइन लॉस की संभावनाएं कम होगी। -उपकेन्द्र से 8 नग 33 केवी मेन लाइनें निकलेंगी, इससे वोल्टेज भी बेहतर मिलेगा।
नवीन तकनीक पर आधारित है यह उपकेन्द्र
करीब 112.4 करोड़ की लागत से इस परियोजना के अंतर्गत शहर के बीचों-बीच 100 एमवीए क्षमता का नवीन तकनीकी पर आधारित गैस इंसुलेटेड स्विच गियर उपकेन्द्र बन रहा है, जिसके लिए विशेष रूप से डिजाइन मोनोपोल पारेषण लाइन पर बिजली सप्लाई होगी।
इन क्षेत्रों को होगा लाभ…
फूलबाग में 132/33केवी जीआइसी विद्युत सब-स्टेशन बनने के बाद कई क्षेत्रों को लाभ होगा। जिन क्षेत्रों को लाभ होगा उनमें फूलबाग, हजीरा, सेवानगर, तानसेन नगर, लोहामंत्री, कांचमिल, औद्योगिक क्षेत्र तानसेन नगर, प्रेमनगर, आरपी कॉलोनी, किलागेट, पड़ाव, शिंदे की छावनी, गांधी नगर, सिटी सेंटर, कांति नगर, मानिक विलास कॉलोनी, बंसत विहार, माधव नगर, अनुपम नगर और चेतकपुरी शामिल है