अमृतसर से विशाखापट्टम जा रही हीराकुंड एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म-1 पर दोपहर 1.25 बजे आई। इसमें पेंट्रीकार में गंदगी के बीच खाना बनता हुआ मिला। ट्रेन में रेल नीर की जगह मा ब्रांन्ड का पानी रखा था। इन बोतलों को देखा तो एक ड्रम में 75 बोतलें ठंडी कर यात्रियों को बेचने की तैयारी थी। अधिकारियों ने पूरा ड्रम पेंट्रीकार से स्टेशन पर उतरवाकर जब्त कर लिया।
मंगला एक्सप्रेस में पेंट्रीकार मैनेजर ने अपने स्टोर में रखे सामान के बीच में से एक अग्निशमन यंत्र निकाला, जिसकी मियाद जुलाई में खत्म हो चुकी थी। वहीं तीन-चार और अग्निशमन यंत्र देखे तो कई पर डेट ही नहीं लिखी थी। ऐसा ही हाल हीराकुंड एक्सप्रेस में भी देखने को मिला।
झांसी से ग्वालियर आ रही स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस में अन्य ट्रेनों के पेंट्रीकार कर्मचारियों ने चेकिंग की जानकारी भेज दी, इसलिए ग्वालियर स्टेशन पर आने से पहले इसकी पेंट्रीकार में सफाई कर दी गई और किचन में भी कुछ नहीं बन रहा था। एक कार्टन में कुछ समोसे और एक भगोने में चावल खुले में रखे थे। पेंट्रीकार मैनेजर शिवमंगल ने कहा कि यह यात्रियों के लिए नहीं हैं।