पहले हॉलमार्क वाली ज्वैलरी में चार मार्क होते थे, इसमें बीआइएस का लोगो, कैरेट शुद्धता, हॉलमार्किंग सेंटर का कोड और ज्वैलर का कोड होता था। यूआइडी आधारित हॉलमार्किंग में चिन्ह 4 से घटाकर 3 कर दिए गए हैं।
– शहर में सराफा कारोबारियों की संख्या 600
– अभी तक 137 कारोबारियों ने हॉलमार्किंग लाइसेंस लिया है।
– हर माह ज्वेलरी का करीब 40 करोड़ रुपए का कारोबार होता है।
– शहर में हॉलमार्किंग जांच सेंटरों की संख्या तीन है।
– 75 किलो से अधिक का पुराना स्टॉक मौजूद है कारोबारियों के पास।
भारतीय मानक ब्यूरो भोपाल और मप्र चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के संयुक्त तत्वावधान में 20 जुलाई को चैंबर भवन में हॉलमार्क पर सेमिनार रखा गया है। दोपहर 3 बजे से होने वाले सेमिनार में सराफा कारोबारियों को जानकारी देने के लिए मुख्य वक्ता के रूप में भोपाल बीआइएस से हॉलमार्किंग कॉर्डिनेटर आकांक्षा मिश्रा उपस्थित रहेंगी। वे कारोबारियों की जिज्ञासा का समाधान भी करेंगी।
ग्वालियर में भी सोमवार को सराफा कारोबारियों को नोटिस दिए गए हैं। बीआइएस की ओर से सोने के वजन और पीस की मांग की जा रही है, जो देना संभव नहीं है। वैसे भी हम हर साल आयकर विभाग के पास तो अपना स्टॉक देते ही हैं। 31 जुलाई तक किसी तरह का कोई स्टॉक नहीं देंगे।
– पुरुषोत्तम जैन, अध्यक्ष, सोना-चांदी व्यवसाय संघ लश्कर
भारतीय मानक ब्यूरो को क्वालिटी नियंत्रण का काम करना है। हॉलमार्क लागू होने से हमारा विरोध नहीं है, लेकिन पुराने स्टॉक की जानकारी मांगने और हॉलमार्क यूनिक आइडी (एचयूआइडी) का जो सिस्टम लागू किया जा रहा है, वह नियम विरूद्ध है। हम स्टॉक की घोषणा नहीं करेंगे, इसके लिए हमने वकील से बात की है और दो दिन में इसके खिलाफ रिट दायर करने जा रहे हैं।
– राजा सराफ, कार्यकारी अध्यक्ष, मप्र सराफा ऐसोसिएशन संघर्ष समिति