वैसे नवंबर के पहले सप्ताह में कड़ाके की सर्दी होने लगती है, जिससे पंखे बंद हो जाते हैं और गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं, लेकिन अभी तक वैसी सर्दी नहीं आई है। दिन व रात का तापमान सामान्य से ऊपर चल रहा है। सुबह के समय ही हल्की सर्दी का अहसास हो रहा है, लेकिन अब मौसम में बदलाव शुरू हो गया है। रात के तापमान में हर दिन 0.5 से 1 डिग्री सेल्सियस गिरावट की संभावना है। जबकि धुंध छाने से अधिकतम तापमान स्थिर रह सकता है। हवा में नमी घट जाने से बादल भी नहीं छाएंगे।
इधर भोपाल में दिन में धूप, रात में ठंडक
सोमवार 4 नवंबर को राजधानी भोपाल में दिन में धूप और छांव का सिलसिला चला। दिन भर लोगों को तेज धूप ने परेशान किया तो शाम होते ही ठंडी हवाओं का दौर शुरू हो गया। मौसम विभाग का कहना है कि अगले कुछ दिन तक मध्य प्रदेश के अधिकांश जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा। भोपाल में दिन का अधिकतम तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं रात के न्यूनतम तापमान में भी गिरावट देखने को मिली। यह 17 डिग्री तक दर्ज किया गया।
15 नवंबर के बाद कड़ाके की ठंड
मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजधानी भोपाल में 15 नवंबर के बाद जोरदार ठंड पड़ने का सिलसिला शुरू हो जाता है। पिछले 25 साल में 18 बार ऐसा हो चुका है। इस बार फिर यह सिलसिला जारी रहने की संभावना है। साल 1999 से 2023 तक नवंबर में सिर्फ सात बार कड़ाके की ठंड पड़ी है। बता दें कि इसका कारण यह है कि नवंबर में एक सप्ताह बाद या दूसरे पखवाड़े के आसपास विंड पैटर्न सेट हो जाता है।
नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा तापमान, तो पचमढ़ी सबसे ठंडा
मौसम विभाग का कहना है कि सोमवार को मध्य प्रदेश का नर्मदापुरम सबसे ज्यादा गर्म रहा। यहां प्रदेश भर में सबसे ज्यादा 35 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। इसके बाद गुना दूसरे नंबर पर रहा, यहां 34.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। वहीं मध्य प्रदेश में सात पहाड़ों की रानी पचमढ़ी में रात का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया। यह 12.4 डिग्री सेल्सियस कर रहा।
इंदौर की हवा सबसे साफ, ग्वालियर में सबसे ज्यादा प्रदूषित
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक मध्य प्रदेश के पांच बड़े जिलों की बात करें तो इंदौर की हवा सबसे साफ रही। विजयनगर इलाके में एक्यूआई 51 दर्ज किया गया। इसके अलावा जबलपुर में 76, उज्जैन में 133, भोपाल में 146 और ग्वालियर में 201 क्यूआई लेवल रहा।