जंगल के रास्तों से वाकिफ गिरोह डकैत रामसहाय के लिए इलाका नया नहीं है। राजस्थान के डकैत जगन गुर्जर से दुश्मनी पनपने के बाद रामसहाय सिकरवाली (भंवरपुरा) में बुआ के घर दुबका रहा था। यहां उसने सरकारी जमीन पर कब्जा जमाकर खेती और दूध का धंधा किया। इसलिए रामसहाय को भंवरपुरा, घाटीगांव, आरोन और मोहना के जंगलों में छिपने के ठिकाने और श्योपुर और मुरैना में घुसने के रास्ते पता हैँ। पुलिस का कहना है डकैत जगन गुर्जर के कमजोर होने पर रामसहाय ने भंवरपुरा में सिर उठाया था। यहां से नाबालिग को अगवा कर ले गया। इस वारदात में पकड़ा भी गया था। फिलहाल भंवरपुरा पुलिस को उसकी सरकारी जमीन पर कब्जा करने के केस में तलाश है।
डकैत रामसहाय की गैंग की आरोन के जंगल में हलचल की खबर पर पुलिस आरोन, मोहना सहित सर्किल थाने से पुलिसकर्मियों की दो टीम जंगल में उतरी हैं। पुलिस ने जंगल में पीने के पानी और छिपने के ठिकाने खंगाले हैं। अभी तक गिरोह नजर में नहीं आया है। उसके बारे में जानकारियां जुटाई जा रही हैं। शेखर दुबे, एसडीओपी घाटीगांव फैक्ट फाइल 50 हजार का इनामी डकैत रामसहाय गुर्जर पुत्र रघुनाथ गुर्जर निवासी कुदिन्ना साहपुर थाना सोनेवन गुर्जा धौलपुर राजस्थान का रहने वाला है। इसके अलावा भंवरपुरा के पास भी उसका घर है। रामसहाय की गैंग में 4 लोग हैं। गिरेाह के पास 315 बोर की राइफल, 12 बोर की बंदूक बताई गई है। गिरोह जिस इलाके में जाता है वहां अस्थाई मेंबर भी उसके साथ शामिल होते हैं।
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