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ग्वालियर

‘सफल होना नहीं, सफलता को बनाए रखना कठिन है’

Motivational Speaker Jaya Kishori – जया किशोरी मुरार में आयोजित भागवत कथा में आईं…। बताए जीवन जीने के तरीके…।

ग्वालियरNov 03, 2022 / 01:18 pm

Manish Gite

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ग्वालियर। धन दौलत, पद, प्रतिष्ठा, मिलना कठिन नहीं हैं, लेकिन सब कुछ प्राप्त करने के बाद उसे बनाए रखना कठिन हैं। पद मिलने के बाद व्यक्ति उसका दुरूपयोग करने लगता है, जिसकी वजह से उसे पद-प्रतिष्ठा सब गंवानी पड़ती है।


यह विचार प्रख्यात कथावाचिका जया किशोरी (Jaya Kishori Ji ) ने हरीशंकरपुरम गणेशपार्क में हो रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा पंडाल में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। कथा के बीच-बीच में सुमधुर भजनों से उन्होंने श्रद्धालु श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा। इस मौके पर बालकृष्ण की सुंदर झांकी आकर्षण का केंद्र होगी।

 

जया किशोरी ने कथा का अमृत प्रवाह करते हुए कहा कि दु:खों का कारण इच्छाएं और उम्मीदें हैं। संसार में रहें लेकिन संसारी लोगों से उम्मीदें मत करो, क्योंकि संसारी लोग आपको धोखा दे जाते हैं, इसलिए उम्मीद और आशाएं सिर्फ परमात्मा से जोड़ो। उन्होंने कहा कि जो खुद की चिंता नहीं करते, उनकी चिंता भगवान करते हैं। इसलिए कुछ चीजें भगवान पर छोड़ दें। जो व्यक्ति काम करता रहता है, उसे जीवन में सब कुछ मिलता है, लेकिन ध्यान सिर्फ काम पर रहे। और यदि कुछ अच्छा हो जाए तो परमात्मा का धन्यवाद करना मत भूलो। दान का महत्व बताते हुए जया किशोरी ने कहा कि दान सिर्फ धन का ही नहीं होता है, बल्कि शरीर से सेवा करने का भी उतना ही फल है। तन मन धन तीनों का दान होता है। जीवन में दान जरूर करें, क्योंकि सिर्फ कम साथ जाते हैं। धन दौलत प्रतिष्ठा सब यहीं रखी रह जाती है।

 

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रामलीला मैदान, मुरार में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य सतानंद महाराज ने भगवान वामन अवतार की कथा सुनाई। भगवान ने बलि को भक्ति का वरदान दिया। भगवान वामन अवतार लेकर जैसे ही राजा बली के पास पहुंचे वे प्रसन्न हो गए। जब दान की बारी आई तो राजा बली ने भगवान के वामन अवतार से दान मांगने के लिए कहा। इस पर राजा बली से तीन पग जमीन मांगी गई। तब राजा मुस्कुराए और बोले तीन पग जमीन तो बहुत छोटा -सा दान है। इसके बाद भगवान ने दो पग में राजा बली के पूरे राज्य को नाप दिया, लेकिन तीसरे पग के लिए राजा बली के पास देने के लिए कुछ भी नहीं था। इसलिए कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। ऐसे में भगवान किसी न किसी रूप में परीक्षा जरूर लेते हैं।

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