इस बैठक में जेएएच के डीन सहित अधीक्षक डॉ सुधीर सक्सेना, माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. नीलिमा रंजन, बाल एवं शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय गौड़, पीएसएम के विभागाध्यक्ष डॉ. रंजना तिवारी, मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय धवले, ईएनटी के विभागाध्यक्ष डॉ वीपी नार्वे, पैथोलॉजी प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ ज्योति प्रियदर्शिनी, टीबी एंड चेस्ट रोग विभागाध्यक्ष डॉ. सौरभ कुमार सिंह और वीआरडीएल लैब के नोडल अधिकारी डॉ. वैभव मिश्रा मौजूद रहे।
किट और दवाओं की डिमांड शासन को भेजें
वायरस को देखते हुए संबंधित आवश्यक टेस्टों के लिए किट की डिमांड और संबंधित विभागों के विभागाध्यक्षों द्वारा उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की डिमांड डीन कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए है। अभी दो कि ट की डिमांड भेजी गई है। जिसमें 200 टेस्ट लग सकते हैं।
चौबीस घंटे होगी जांच जरूरत पर करेंगे भर्ती
वायरस के संक्रमण संबंधी संदिग्ध मरीज की गाइड लाइन के आधार पर पहचान कर, उसे तत्काल भर्ती किया जाए। इसके साथ ही उसका सैम्पल जांच के लिए भेजा जाए। मरीजों के सैम्पल सुबह 9 बजे से रात्रि 8 बजे तक वीआरडीएल लैब भेजे जाए एवं रात 8 बजे के बाद सैम्पल 1000 बिस्तर अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित सीपीएल में भेजे जाए।
सीपीएल कलेक्शन सेंटर बनाया जाए
पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी विभाग संयुक्त रूप से हजार बिस्तर के प्रथम तल पर स्थित सीपीएल में कलेक्शन सेंटर बनाएंगे, जिसमें टेक्नीशियन दोनों विभागों के द्वारा आपसी समन्वय स्थापित कर पदस्थ किए जाएगेे। संदिग्ध मरीजों को भर्ती किए जाने के लिए विभाग में अलग से आइसोलेशन कक्ष चिन्हित कर, मरीजों को भर्ती किया जाए।बीमारी से बचाव का किया जाए प्रचार
पीएसएम विभाग द्वारा जेएएच के दोनों परिसरों में जगह-जगह पर बीमारी से बचाव, उपचार, रोकथाम एवं बीमारी के लक्षणों की जानकारी का व्यापक प्रचार एवं प्रसार किया जाए। इसके साथ ही जन सामान्य की सूचना के लिए बैनर इत्यादि लगाए जाए, जिससे आम जन को विस्तृत जानकारी प्राप्त हो सके।