उसे डर था कि आवेदन निरस्त हो सकता है, इसलिए उसने 8 जनवरी को उन्हें फोन कर कहा कि विधायक प्रवीण पाठक बोल रहा हूं। सत्यभान का शस्त्र आवेदन आया होगा, उसे आगे बढ़ा दो। टीआइ बेग के मुताबिक उन्हें सत्यभान की बोलचाल के तरीके से शक हुआ। उससे कहा तुम विधायक पाठक नहीं बोल रहे हो, लेकिन सत्यभान मानने को तैयार नहीं हुआ, बहस कर उसने फोन काट दिया। दूसरे दिन फिर विधायक बनकर फोन किया, हेकड़ी दिखाई कि तुमने फोन करने के बावजूद सत्यभान के लाइसेंस के आवेदन पर ध्यान नहीं दिया, यह ठीक नहीं है।
टीआइ बेग ने बताया कि सत्यभान हरकतों से बाज नहीं आया तो उन्होंने उसका लाइसेंस आवेदन निरस्त कर दिया। इसकी जानकारी सत्यभान को नहीं थी। करीब 10 दिन तक वह चुप्पी साधे रहा। सोमवार को फिर विधायक पाठक बनकर फोन कर लाइसेंस फॉर्म को आगे बढ़ाने की बात दोहराई तो उसे दबोचने के लिए झांसा दिया। उसे विधायक मानकर कहा कि जिसका आवेदन है उसे थाने भेज दें। उससे बात कर आवेदन को फॉरवर्ड कर देंगे। सत्यभान झांसे में आ गया। उसे लगा कि टीआइ उसे विधायक समझ कर दबाव में आ गए हैं, तो लपक कर थाने आ गया तो उसे दबोच लिया। उसका मोबाइल फोन और सिम जब्त कर उसे हवालात में बैठा दिया।
विधायक प्रवीण पाठक ने बताया कि सत्यभान सिंह गुर्जर उनके नाम का इस्तेमाल कर रहा था। कई लोगों से शिकायत मिली थीं। कई बार उसका पता लगाने की कोशिश की लेकिन ज्यादातर उसका मोबाइल बंद मिला। पुलिस से कहा है कि उससे पूछताछ करें कि उनके नाम का कितनी जगह इस्तेमाल कर चुका है।