आपको बता दें कि आजादी से पहले एयरफोर्स पर आर्मी का नियंत्रण होता था। एयरफोर्स को आर्मी से ‘आजाद’ करने का श्रेय इंडियन एयरफोर्स के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महस्र्ट को जाता है। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महस्र्ट को भारतीय वायुसेना का पहला चीफ, एयर मार्शल बनाया गया था। वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर रहे थे।
गीता से लिया है वायुसेना का आदर्श वाक्य
पंडित राधेश्याम शर्मा ने बताया कि भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है और यह महाभारत के महायुद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र की युद्धभूमि में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का ही एक अंश है। उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’
ऐसा होता है भारतीय वायु सेना का ध्वज
वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से पृथक, नीले रंग का है जिसके प्रथम एक चौथाई भाग में राष्ट्रिय ध्वज बना हुआ है और मध्य भाग में राष्ट्रिय ध्वज के तीनों रंगों अर्थात केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है। यह ध्वज 1951 में अपनाया गया।