प्राप्त जानकारी के अनुसार, शहर में रहने वाली 90 वर्षीय बेसहारा बुजुर्ग रामदेही माहौर का निधन हो गया। महिला के निधन के बाद उसका कोई भी रिश्तेदार शोक में शामिल नहीं हुआ। ये बात जब इलाके में रहने वाले मुस्लिमों को पता लगी तो उन्होंने खुद हिंदू रीति रिवाज के साथ बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार करने का फैसला किया।
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बेटी ने दी मां को मुखाग्नि
इस दौरान इलाके के मुस्लिम युवाओं ने बढ़ चढ़कर बुजुर्ग महिला की अर्थी को कंधा दिया। इलाके में रहने वाले शाकिर खान ने अपने भाइयों मफदूत खान, मासूम खां, इरफान खान के साथ मिलकर बुजुर्ग महिला को मुख्य कांधा दिया। मृतका की अर्थी को हजीरा शमशान घाट तक ले जाया गया। यहां बुजुर्ग महिला राम देही की चिता को बेटी शीला द्वारा मुखाग्नि दी गई। बता दें कि, मृतका राम देही रेलवे कॉलोनी के दरगाह इलाके में रहती थी। जानकारी के अनुसार, मौत के बाद उसके सभी नाते – रिश्तेदारों ने उससे किनारा कर लिया था।
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