रिपोर्ट के अनुसार न्यायालय द्वारा 25 अप्रेल को जयारोग्य चिकित्सालय समूह को जो दिशा निर्देश दिए गए थे, उसका कोई प्रभावी पालन नहीं किया गया। जमीनी स्तर पर जो काम होने चाहिए थे वे नहीं किए गए।
अस्पताल के वार्डों में मरीजों को जो बेडशीट दी जाती हैं वे साफ नहीं थीं।
-मरीजों के अटेंडेंट की भीड़ थी, उनके अस्पताल के अंदर खाने-पीने पर कोई रोक-टोक नहीं थी। मरीजों के पास अटेंडेंट के ग्रुप जमा थे।
-अस्पताल की सुरक्षा में लगी हाईट्स कंपनी की व्यवस्था बिल्कुल खराब थी। कंपनी के कर्मचारी शर्तों के मुताबिक व्यवस्थाएं करते नजर नहीं आए। कंपनी को अस्पताल में सफाई और सुरक्षा की स्थिति बेहतर रखना उसकी शर्तों में शामिल है। जमीनी तौर पर कंपनी के कर्मचारी इन व्यवस्थाओं में निरीक्षण दल को नजर नहीं आए, न सुरक्षा की कोई व्यापक व्यवस्था कंपनी द्वारा की गई थी।
-जांच दल को जेएएच, आईसीयू, कमलाराजा तथा कार्डिक सेंटर में अव्यवस्थाएं नजर आईं।
पार्किंग व्यवस्था भी सही नहीं थी। यहां कोई सुपरविजन करने वाला नजर नहीं आया, जो व्यवस्थाओं को ठीक करने के निर्देश दे सके।
-आईसीयू में एक भी डस्टबिन नहीं थी, सुरक्षा के प्रबंध भी नहीं थे।
-रिपोर्ट में कहा गया कि जेएएच के अधीक्षक ने जो रिपोर्ट प्रस्तुत की है वह सिर्फ पत्राचार पर आधारित है। जमीनी स्तर पर कोई प्रभावी काम नहीं किया गया है।
-जेएएच में डीआरडीओ के सहयोग से बायो टॉयलेट बनवाए जाएं।
-जेएएच को प्रदूषण मुक्त करने ग्रीन लंग्स जोन बनाया जाए।
-संपूर्ण अस्पताल परिसर को सीसीटीवी के दायरे में लाया जाए।
जिससे कर्मचारियों की मॉनीटरिंग हो सकेगी। गंदगी करने वालों पर कार्रवाई की जा सकेगी।
-अधिकारी, चिकित्सा शिक्षक व कर्मचारी समय पर आएं, इसके लिए ई-अटेंडेंस प्रारंभ की जाए।
– आईसीयू, पीआईसीयू तथा ऑपरेशन थियेटर की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए।
– जयारोग्य चिकित्सालय समूह की बाउंड्री कई स्थानों से टूटी है, उसे ठीक कराया जाए।
– मरीजों को समय पर व पूर्ण दवाएं मिलें, इसके लिए दवाएं तीन शिफ्ट में मिलें, इसकी व्यवस्था की जाए।
-जयारोग्य चिकित्सालय के किचन को बेहतर बनाया जाए और पीडीएस से मिलने वाले खाद्यान्न का बेहतर इस्तेमाल हो। वैस्टेज को फेंके जाने के स्थान पर उससे बायोगैस बने, इसके लिए प्लान बनाकर उसका क्रियान्वयन किया जाए।