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ग्वालियर

जेएएच में हाईकोर्ट के आदेश का चार माह बाद भी पालन नहीं, डीन तलब

अभिभाषकों की कमेटी ने रिपोर्ट में बताया है कि उच्च न्यायालय द्वारा चार माह पूर्व दिए गए आदेश का जेएएच में प्रभावी पालन नहीं हुआ है। हर तरफ गंदगी और अव्यवस्थाएं हैं।

ग्वालियरAug 21, 2019 / 12:53 am

Rahul rai

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जेएएच में हाईकोर्ट के आदेश का चार माह बाद भी पालन नहीं, डीन तलब

ग्वालियर। उच्च न्यायालय ने अभिभाषकों की तीन सदस्यीय कमेटी की संयुक्त रिपोर्ट देखने के बाद जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन एवं अस्पताल प्रबंधन को न्यायालय में हाजिर होने के आदेश दिए हैं। उन्हें अभिभाषकों की रिपोर्ट पर अपना जवाब पेश करना है। अभिभाषकों की कमेटी ने रिपोर्ट में बताया है कि उच्च न्यायालय द्वारा चार माह पूर्व दिए गए आदेश का जेएएच में प्रभावी पालन नहीं हुआ है। हर तरफ गंदगी और अव्यवस्थाएं हैं।
न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल की युगलपीठ ने यह निर्देश कामिनी सिंह की जयारोग्य चिकित्सालय समूह की सफाई व्यवस्था को लेकर प्रस्तुत जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। उच्च न्यायालय ने अस्पताल में सफाई एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए 25 अप्रेल को दिशा निर्देश जारी करते हुए अस्पताल प्रबंधन को एक अगस्त को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। अस्पताल प्रबंधन द्वारा जिस प्रकार से रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी, उस पर गंभीर आपत्ति की गई थी। रिपोर्ट में अस्पताल प्रबंधन ने केवल कागजी घोड़े दौड़ाने के अलावा कुछ नहीं किया था। उच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए तीन अभिभाषकों की कमेटी बनाकर अस्पताल का निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डीपी सिंह, रविन्द्र दीक्षित व एक शासकीय अधिवक्ता द्वारा अस्पताल का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की गई।
निरीक्षण दल ने यह रिपोर्ट पेश की
रिपोर्ट के अनुसार न्यायालय द्वारा 25 अप्रेल को जयारोग्य चिकित्सालय समूह को जो दिशा निर्देश दिए गए थे, उसका कोई प्रभावी पालन नहीं किया गया। जमीनी स्तर पर जो काम होने चाहिए थे वे नहीं किए गए।
अस्पताल के वार्डों में मरीजों को जो बेडशीट दी जाती हैं वे साफ नहीं थीं।
-मरीजों के अटेंडेंट की भीड़ थी, उनके अस्पताल के अंदर खाने-पीने पर कोई रोक-टोक नहीं थी। मरीजों के पास अटेंडेंट के ग्रुप जमा थे।
-अस्पताल की सुरक्षा में लगी हाईट्स कंपनी की व्यवस्था बिल्कुल खराब थी। कंपनी के कर्मचारी शर्तों के मुताबिक व्यवस्थाएं करते नजर नहीं आए। कंपनी को अस्पताल में सफाई और सुरक्षा की स्थिति बेहतर रखना उसकी शर्तों में शामिल है। जमीनी तौर पर कंपनी के कर्मचारी इन व्यवस्थाओं में निरीक्षण दल को नजर नहीं आए, न सुरक्षा की कोई व्यापक व्यवस्था कंपनी द्वारा की गई थी।
-जांच दल को जेएएच, आईसीयू, कमलाराजा तथा कार्डिक सेंटर में अव्यवस्थाएं नजर आईं।
पार्किंग व्यवस्था भी सही नहीं थी। यहां कोई सुपरविजन करने वाला नजर नहीं आया, जो व्यवस्थाओं को ठीक करने के निर्देश दे सके।
-आईसीयू में एक भी डस्टबिन नहीं थी, सुरक्षा के प्रबंध भी नहीं थे।
-रिपोर्ट में कहा गया कि जेएएच के अधीक्षक ने जो रिपोर्ट प्रस्तुत की है वह सिर्फ पत्राचार पर आधारित है। जमीनी स्तर पर कोई प्रभावी काम नहीं किया गया है।
हाईकोर्ट ने यह दिए थे आदेश
-जेएएच में डीआरडीओ के सहयोग से बायो टॉयलेट बनवाए जाएं।
-जेएएच को प्रदूषण मुक्त करने ग्रीन लंग्स जोन बनाया जाए।
-संपूर्ण अस्पताल परिसर को सीसीटीवी के दायरे में लाया जाए।
जिससे कर्मचारियों की मॉनीटरिंग हो सकेगी। गंदगी करने वालों पर कार्रवाई की जा सकेगी।
-अधिकारी, चिकित्सा शिक्षक व कर्मचारी समय पर आएं, इसके लिए ई-अटेंडेंस प्रारंभ की जाए।
– आईसीयू, पीआईसीयू तथा ऑपरेशन थियेटर की सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए।
– जयारोग्य चिकित्सालय समूह की बाउंड्री कई स्थानों से टूटी है, उसे ठीक कराया जाए।
– मरीजों को समय पर व पूर्ण दवाएं मिलें, इसके लिए दवाएं तीन शिफ्ट में मिलें, इसकी व्यवस्था की जाए।
-जयारोग्य चिकित्सालय के किचन को बेहतर बनाया जाए और पीडीएस से मिलने वाले खाद्यान्न का बेहतर इस्तेमाल हो। वैस्टेज को फेंके जाने के स्थान पर उससे बायोगैस बने, इसके लिए प्लान बनाकर उसका क्रियान्वयन किया जाए।

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