ग्वालियर पर्यटकों को आकर्षित करता मध्यभारत का शहर है। टूरिज्म की दृष्टि से यह बड़ा डेस्टिनेशन है। यहां बहुत सी ऐतिहासिक धरोहरें हैं, जो अपनी अलग पहचान रखती हैं। इनमें से कई ऐसे मॉन्यूमेंट्स भी हैं, जो विश्व में अकेले हैं और उनके नाम से शहर को जाना जाता है। यही कारण है कि यहां प्रति वर्ष काफी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं। इन धरोहरों में ग्वालियर किला, जयविलास पैलेस, रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल, गूजरी महल आदि शामिल हैं। इसके साथ ही महाराज बाड़ा, बैजाताल, टाइन हॉल, गवर्नमेंट प्रेस भी शामिल हैं। इन सभी एमपी टूरिज्म, स्मार्ट सिटी, एएसआई और पुरातत्व मिलकर लगभग 250 करोड़ की लागत से संवार रहे हैं। इन पर काम शुरू हो चुका है, जो 2019 के अंत तक पूरा हो जाएगा।
सौर्य वाल सुनाती है रानी लक्ष्मीबाई की गाथा : रानी लक्ष्मीबाई समाधि स्थल डेढ़ करोड़ से संवारा जा चुका है। यहां परिसर के सुरक्षा की दृष्टि से चारो तरफ की दीवारों को ऊंचा कर रेलिंग लगाई गई है। फ्लोरिंग और पाथवे पर काम किया गया है। सौर्य वाल तैयार की गई है, जिसमें रानी लक्ष्मीबाई की झलक नजर आती है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लोहा लेते हुए इसी जगह अपने प्राणों की आहुति दी थी, जिनकी रक्षा करते हुए 700 साधू भी शहीद हुए थे। इसी प्रकार बैजाताल को भी रिनोवेट किया जा रहा है।
पैलेस की 41 गैलरी में दिखती है विरासत : जयविलास पैलेस में अभी कुल 41 गैलरी हैं। जल्द ही और गैलरी ओपन होने जा रही हैं। सिंधिया घराने के कई देशों से व्यापारिक संबंध होने के कारण उन्हें जो भी समान गिफ्ट में मिला, उन्होंने संजोकर रखा, जिसे पैलेस में दिखाया जाता है। पैलेस में एशिया का सबसे बड़ा कालीन है, जिस पर कोई ज्वॉइंट नहीं है। इसे जेल के कैदियों द्वारा कई वर्षों में तैयार किया गया था। यहां चांदी की ट्रेन है, जो 40 फीट लंबे ट्रेक पर चलती है। विश्व के सबसे बड़े 2 झूमर हैं। एक झूमर का वजन 3500 किग्रा. है।
ये भी हैं धरोहरें
लधेड़ी गेट, सरोद घर, छत्री, एमएलबी कॉलेज की बिल्डिंग आदि।
शहर में टूरिस्ट पुलिस स्टेबलेस हो।
इंडिया टूरिज्म का ऑफिस ग्वालियर में हो। शहर के हेरिटेज की प्रॉपर ब्रांडिंग और मार्केटिंग हो।
ट्रांसपोर्टेशन को लेकर खामियां
दूर हों।
हेरिटेज पर प्रोफेशन गाइड की नियुक्ति हो व सुरक्षा के इंतजाम हों।
विक्टोरिया मार्केट- ब्रिटिश आर्किटेक्ट
गोरखी प्रवेश द्वार- राजपूत और मराठी शैली
डाक घर- इटैलियन आर्किटेक्ट
एसबीआई बैंक- रोमन शैली
एसबीआई एवं एपेक्स बैंक- फ्रंच शैली
टाउन हॉल- साउदी अरब शैली
मुद्रणालय बिल्डिंग- पर्शियन शैली
24.65 करोड़ क्राफ्ट मार्ट गोरखी कॉम्प्लेक्स
25 करोड़ – हेरिटेज होटल महाराज बाड़ा
11.50 करोड़ – डिजिटल लाइब्रेरी
6.78 करोड़ – डिजिटल म्यूजियम
6.20 करोड़ – आईसीसीसी मोतीमहल
1.50 करोड़ – टाउन हॉल
10 करोड़ – गनर्वमेंट प्रेस म्यूजियम