सहेलियों ने बताई आपबीती
ग्वालियर के जगजीवन नगर की रहने वाली 45 साल की रामश्री विश्व हरि के आश्रम से जुड़ी हुई थीं। वह हर साल देश के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित सत्संग में शामिल होने के लिए जाती थीं। हाथरस में सत्संग में शामिल होने के लिए सोमवार-मंगलवार के बीच की रात ग्वालियर से करीब 10 महिलाएं रवाना हुईं थीं जिनमें रामश्री भी थी। रामश्री के साथ गईं महिलाओं ने बताया कि जब भगदड़ मची तो उन्होंने एक दूसरे का हाथ पकड़ लिया था लेकिन रामश्री का हाथ छूट गया और वो गिर गई जिसके बाद लोग उसे कुचलते हुए चले गए। चरणों की धूल के लिए धक्का-मुक्की फिर भगदड़
रामश्री के साथ सत्संग में गई महिला ने बताया कि वो मंजर वो जिंदगी भर नहीं भूल सकती। सबकुछ ठीक चल रहा था लेकिन फिर अचानक भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए लोग धक्का-मुक्की करने लगे। इसी दौरान बाबा के आदमियों ने भीड़ को पीछे की तरफ धकेलकर वाटर कैनन से पानी की बौछार कर दी। जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई।
5 बच्चों के सिर से उठा मां का साया
रामश्री के 5 बच्चे हैं जो उसकी मौत के बाद अनाथ हो गए हैं। रामश्री के पति की कई साल पहले मौत हो चुकी है। उसने ही किसी तरह मेहनत मजदूरी और किसानी कर परिवार को संभाला और 5 बच्चों को पाल रही थी। अब रामश्री की मौत के बाद पांचों बच्चे के सिर से मां का साया उठ गया है। बुधवार को रामश्री का शव जब ग्वालियर पहुंचा तो मानो कोहराम मच गया। ग्वालियर के मुरार मुक्तिधाम में रामश्री का अंतिम संस्कार किया गया है।