दरअसल शहर में 15 थोक की स्थायी आतिशबाजी की दुकानें हैं। इन दुकानों में बारूद भरा है। साथ ही ट्रांसपोर्ट नगर में 20 गोदाम बने हैं। इन गोदामों में 20 ट्रक पटाखे भरे हैं। यह पटाखे स्टॉक किए गए हैं। इनके यहां सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं। इसकी जांच कभी नहीं हुई है। दुर्घटना से गोदाम कितने तैयार हैं। इसके अलावा दीपावली पर आतिशबाजी के स्थायी लाइसेंस दिए जाते हैं। मेला ग्राउंड में पटाखे बिकने के बाद जो बचत होती है, उसे दुकानदार अपने घर पर रख लेते हैं। अपने घरों में पटाखों को रखे हुए हैं। करीब 400 लोगों के घरों में पटाखे रखे हुए हैं। घरों में अवैध पटाखे रखना काफी खतरनाक हो सकता है। ये रिहायशी इलाके में हैं। दीपावली तक ये पटाखों के घर में रखे रहेंगे।
फुलझड़ी की फैक्ट्री व पटाखा दुकानों की जांच की, आज फिर से जाएंगे अधिकारी
हरदा की पटाखा फैक्ट्री में भीषण हादसे के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने गिरवाई स्थित पटाखा दुकान व फुलझड़ी फैक्ट्री की जांच की। शिवपुरी लिंक रोड स्थित फुलझड़ी फैक्ट्री में विस्फोटक सामग्री देखी। साथ ही सुरक्षा के इंतजाम भी देखे। हालांकि रात की वजह से सही से जांच नहीं सकी। निरीक्षण में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह मौजूद थे। पटाखा दुकान की जांच के लिए आठ सदस्यीय दल बनाया है। जिसमें प्रशासन, पुलिस, नगर निगम सहित अन्य विभाग के अधिकारी हैं, जो बुधवार से पटाखा दुकान व गोदामों की जांच करेंगे।
हरदा में हुए भीषण हादसे को देखते हुए पटाखा दुकानों की जांच शुरू की है। एसडीएम व पुलिस के अधिकारी मिलकर इस जांच को करेंगे। लाइसेंस की शर्तों का पालन किया जा रहा है या नहीं। सीसीटीवी लगें हैं या नहीं। आगजनी की घटना को रोकने के लिए पानी, अग्निशामक यंत्र मौजूद हैं या नहीं। इन सभी की जांच की जाएगी। गोदाम में स्टॉक की भी जांच की जाएगी।