-शहर में कचरा कलेक्शन का कोई विशेष इंतजाम नहीं।
-लैंडफिल साइट बीच-बीच में लंबे समय तक बंद रहना और लैंडफिल साइड पर कचरे के पहाड़ व लाखों टन कचरा पड़ा हुआ है।
-कचरे से न जैविक खाद बनी और न ही बिजली बनाने की व्यवस्था की गई।
-100 प्रतिशत डोर टू डोर कचरे का सेग्रीगेशन नहीं हो सका।
-कचरा कलेक्शन सेंटर अधिकतर बंद रहे और गीला-सूखा कचरे के कोई इंतजाम नहीं थे।
-ब्यूटीफिकेशन में सड़कों को बेहतर नहीं बना सके। सर्वे के दौरान ही कई सड़के खराब मिली और धूल भी उड़ती रही।
-सिटीजन फीडबैक में पिछले साल सहित अभी भी जागरुकता की कमी।
-वाटर बॉडी में टीम को लगातार गंदी मिली और वाटर बॉडी के माध्यम से इनकम जनरेशन का काम भी बेहतर तरीके से नहीं हो पया।
-नाले-नालियों की ठीक से सफाई नहीं हुई।
-वाहनों में जीपीएस सिस्टम अधिकतर फेल ही रहा और मॉनिटरिंग भी ठीक से नहीं हो सकी।
-कचरे के ठीए को भी खत्म नहीं किए गए।
-सोर्स सेग्रीकेशन नहीं होना।
-सफाई कर्मचारी द्वारा बार-बार हड़ताल पर जाना।
2023 में इन पर देना होगा विशेष ध्यान
-कचरा वाहन बढ़ाए जाए।
-शहरवासियों को अलग-अलग कचरा डालने की आदत डलवाई जाए।
-प्रत्येक वाहन में चार तरह के डिब्बे लगाकर कचरा एकत्रित।
-डंपिंग साइट पर पार्क बनाए जाए।
-लैंडफिल साइड व कचरा ट्रांसफर स्टेशन लगातार चालू रखें।
-इधर-उधर थूकने की आदत से शहरवासियों को जागरूक करना।
-नए-नए नावाचार के रूप में कई काम किए जाए।
-100 प्रतिशत डोर टू डोर कचरा कचरा कलेक्शन व सेग्रीगेशन किया जाना चाहिए।
-स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारियों को लेकर करीब 100 लोगों का दल इंदौर भेजा गया। लेकिन उसके बाद भी शहर में साफ सफाई का सबक नहीं लिया।
-स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर केंद्रीय मंत्री सिंधिया व प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट व ऊर्जा मंत्री सहित कई नेताओं ने शहरभर में झाडू लगाई इसके बाद भी फिसल गए।
-शहर में साफ सफाई को लेकर विशेष अभियान भी चलाया गया और करोड़ों रुपए की बर्बादी भी की गई।
-ओडीएफ प्लस प्लस के बाद वाटर प्लस में भी चुके।
-गारबेज सेवन स्टार का दावा करने के बाद थ्री स्टार तक सिमटे। स्वच्छता सर्वेक्षण में साल भर में कुल खर्च
-सफाई व्यवस्था से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी व वाहन चालक के वेतन पर कुल खर्च-41 करोड़
-सफाई कार्य में लगे वाहनों की मरम्मत पर-02 करोड़
-वाहनों के डीजल पर -14 करोड़
-ठेले व डस्टबिन पर-50 लाख
-करीब 90 वाहन किराए पर-05 करोड़
-डस्टबिन, ठेले आदि सुधार पर-10 लाख
-डॉक्युमेंटेशन के लिए एंजेसी पर-1.5 करोड़
-पेटिंग व होर्डिंग के कार्य पर -02 करोड़ (करीब)
डॉ शोभा सिकरवार महापौर
किशोर कान्याल, आयुक्त नगर निगम
मनोज तोमर सभापति नगर निगम