वाटर हार्वेस्टिंग पर हाईकोर्ट की टिप्पणी: ग्वालियर में पर्याप्त जल संसाधन पर सरकार में इच्छाशक्ति की कमी
दूसरी ओर, पुलिस का कहना है हादसों में कमी लाने के लिए प्रयास किए गए हैं। चिन्हित किए गए स्थानों में जिन जगहों पर अंधेरा था वहां रोशनी के प्रबंध किए गए। अंधे मोड़ पर रेडियम और बोर्ड लगाए गए हैं। कई जगह स्पीड बे्रकर बनाए गए। शराबीवाहन चालकों पर कार्रवाई का अभियान चलाया गया। हालांकि, मौत के बढ़े आंकड़े साबित कर रहे हैं कि पुलिस के प्रयास नाकाफी रहे हैं।
ब्लैक स्पॉट ये हैं मौत के ठिकाने
रायरू फार्म, रितुराज चौराहा, पुरानी छावनी गांव के सामने, साडा रोड तिराहा, गुप्तेश्वर तिराहा, गोल पहाडि़या, बेला की बावड़ी, कोलार घाटी, सिमरिया मोड, कंपू शीतला माता, विक्की फैक्ट्री, सिकरौदा तिराहा, जौरासी घाटी, सिमरिया टेकरी, पिछोर तिराहा, चांद गांव के सामने, बल्ला का डेरा, गोले का मंदिर चौराहा, महाराजपुरा गांव के सामने, महाराजा गेट तिराहा, आकाशवाणी तिराहा, पड़ाव पुल, पड़ाव चौराहा, हजीरा चौराहा, शिंदे की छावनी पुलिस चौकी के सामने, डबरा थाना तिराहा।
डबरा,पुरानी छावनी में ज्यादा हादसे: डबरा में 5 और पुरानी छावनी में ४ ऐसे ठिकाने है, जहां एक्सीडेंट में ज्यादा मौतें हुई हैं
यह भी वजह: वाहन चालक तेज रफ्तार वाहन बिना सुरक्षा के चलाते हैं। आंकड़े बताते हैं सबसे ज्यादा मौतें सिर में चोट लगने से हुई हैं
हादसों में कमी के लिए ऐसे प्रयास करने होंगे
1. इंजीनियरिंग सिस्टम के अनुरूप सड़क बनाई जाए।
2. यातायात नियमों का पालन
करने के लिए रोड यूजर को सबसे ज्यादा जागरुक होने की जरूरत है।
3. ट्रैफिक पुलिस मोटर व्हीकल एक्ट का सख्ती से पालन कराएं।
4. हर जगह ट्रैफिक पुलिस नहीं हो सकती है इसलिए इंटेलीजेंट सिस्टम से काम करना होगा
5. गाडिय़ों में सेफ्टी सिस्टम अनिवार्य किया जाए। बिना सेफ्टी सिस्टम के गाडि़या नहीं बिके
6. बच्चों को स्कूल में ही यातायात नियमों की जानकारी दी जाए। इसके लिए शिक्षक को ट्रेंड करना होगा।
7. सबसे ज्यादा रिसर्च की जरूरत है। जिन स्थानों पर ज्यादा हादसे हो रहे हैं वहां मौका मुआयना कर कारण पता करें। किस तकनीक से उसे दूर किया जा सकता है।