scriptवाटर हार्वेस्टिंग पर हाईकोर्ट की टिप्पणी: ग्वालियर में पर्याप्त जल संसाधन पर सरकार में इच्छाशक्ति की कमी | gwalior high court comment on water crises in gwalior | Patrika News
ग्वालियर

वाटर हार्वेस्टिंग पर हाईकोर्ट की टिप्पणी: ग्वालियर में पर्याप्त जल संसाधन पर सरकार में इच्छाशक्ति की कमी

ग्वालियर शहर एवं उसके आसपास पर्याप्त जल संसाधन है, लेकिन इन्हें संरक्षित कर उनका सही उपयोग हो इसके लिए शासन के पास

ग्वालियरJan 20, 2018 / 09:56 am

Gaurav Sen

high court gwalior

ग्वालियर। ग्वालियर शहर एवं उसके आसपास पर्याप्त जल संसाधन है, लेकिन इन्हें संरक्षित कर उनका सही उपयोग हो इसके लिए शासन के पास इच्छाशक्ति की कमी है। हाईकोर्ट ने शहर की सीमा से लगे छह बांधों को लेकर याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत लाइव रिपोर्ट को देखने के बाद यह टिप्पणी की। कोर्ट ने इस रिपोर्ट पर शासन को 5 मार्च तक जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।


न्यायमूर्ति संजय यादव एवं न्यायमूर्ति एके जोशी की युगलपीठ के समक्ष याचिकाकर्ता डॉ. राखी शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद भारद्वाज एवं एडवोकेट राजू शर्मा ने कोर्ट के आदेश पर तैयार की गई रिपोर्ट को प्रस्तुत किया। इसके साथ ही याचिकाकर्ता द्वारा रेवेन्यू रिकॉर्ड भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें इन बांधों की जमीन को सरकारी जमीन और बांध बताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि रमौआ बांध, वीरपुर बांध, हनुमान बांध रायपुर बांध तथा मामा का बांध की जमीन पर खेती की जा रही है। इसके फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किए गए हैं। कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए इन बांधों में पानी टिकने ही नहीं दिया जाता है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा, कहीं कर्मचारी या अधिकारी तैनात नहीं


सभी छह बांधों पर निरीक्षण के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कहीं भी कोई कर्मचारी या अधिकारी तैनात नहीं मिला। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन बांधों के गेट खराब कर दिए गए हैं। इस कारण इनमें पानी नहीं रह पाता है। रमौआ बांध पर तो एक स्टेट टाइम का कमरा भी बना हुआ है उस पर ताला लगा था, जबकि इस बांध की जमीन पर खेती हो रही थी। रिपोर्ट में कहा गया कि इन बांधों की हजारो एकड़ जमीन पर कुछ लोग खेती कर शहर की १५ लाख आबादी के लिए पेयजल संकट उत्पन्न कर रहे हैं। इन बांधों को जब बनाया गया था तब उससे ग्वालियर शहर का वाटर लेवल ऊपर रहता था।

पिछले 15-20 सालों से इन बांधों को भरने नहीं दिया जा रहा है, जब जलसंसाधन मंत्री अनूप मिश्रा थे तब उन्होंने स्वयं एक-एक बांध पर जाकर उसकी वस्तुस्थिति देखी थी और उनकी मरम्मत कराई थी, उनके मंत्री पद से हटने के बाद इन बांधों की स्थिति फिर खराब हो गई है। पिछली बारिश में मामा का बांध में 17 फीट पानी आ गया था। इस बांध में 21 फीट पानी आता है, लेकिन इस बांध के पानी को बहा दिया गया। जड़ेरुआ बांध व हनुमान बांध में कचरा भरा हुआ है। इसके फोटोग्राफ भी पेश किए गए हैं।

Hindi News/ Gwalior / वाटर हार्वेस्टिंग पर हाईकोर्ट की टिप्पणी: ग्वालियर में पर्याप्त जल संसाधन पर सरकार में इच्छाशक्ति की कमी

ट्रेंडिंग वीडियो