शस्त्रलाइसेंस निरस्त करने के लिए इनके नाम और अपराध का ब्यौरा प्रशासन को भेजा है। अब जिला प्रशासन इनको अपना पक्ष रखने का एक मौका देगा। संतोषजनक जवाब नहीं देने पर लाइसेंस निरस्त कर शस्त्र को सरकारी मालखाने में जमा करा लिया जाएगा।
पिछले कुछ दिनों में हत्या, जान लेने की कोशिश समेत आत्महत्या में लाइसेंसी हथियारों का इस्तेमाल धडल्ले से हुआ है। संगीन वारदात में लाइसेंसी हथियारों का इस्तेमाल पुलिस को भी परेशान कर रहा है क्योंकि इन शस्त्र धारकों ने लाइसेंस लेते वक्त आत्म रक्षा का हवाला दिया है। उसमें पुलिस ने भी सहमति दी है।
लाइसेंस के साथ हथियार हाथ में आने पर उनका इस्तेमाल जानलेवा बन गया। पुलिस ने जिले में ऐसे करीब 150 से ज्यादा लोगों के नाम छांटे हैं जो अपराध में संलिप्त होने के बाद भी लाइसेंसी हथियार लेकर घूम रहे हैं।
लाइसेंस निरस्त के नाम भेजे
अपराध और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल शस्त्र धारकों के लाइसेंस निरस्त करने के लिए उनके नामों की फेहरिस्त पुलिस ने प्रशासन को थमाई है।इन वारदातों में लाइसेंसी हथियार का इस्तेमाल
12 जुलाई : पूर्व विधायक लाइसेंसी हथियार की दम पर पूर्व विधायक अजब सिंह कुशवाह के बेटे कपिल पर केस दर्ज। वारदात में पूर्व विधायक का भांजा नवीन भी शामिल था।9 जुलाई- दुल्लपुर में नरोत्तम गुर्जर की रिश्तेदार लोकेंद्र गुर्जर ने लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर हत्या की।
6 जुलाई- सात नंबर चौराहा पर अनुज और संजीव गुर्जर के बीच लाइसेंसी हथियारों से गोलियां चलीं। दोनों ने पिता और चाचा के नाम दर्ज लाइसेंसी हथियारों का वारदात में इस्तेमाल किया।
26 जृन- दीनदयाल नगर में रिटायर्ड फौजी मुकेश नरवरिया के बेटे मोहित ने पिता की लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर सुसाइड किया।