डायल 100 वाहन में तैनात पुलिस ने संदिग्ध होने पर रोका था लोडर वाहन
विदित हो कि मंगलवार अल सुबह वार्ड 15 में संतोष शर्मा की दुकान में आग लगने की सूचना पर डायल 100 वाहन अकोड़ा पहुंचा था जहां से लौटते वक्त संदिग्ध लोडर वाहन नजर आने पर पुलिस कर्मियों ने उसे रोक लिया। चेकिंग करने पर उसके अंदर नकली दूध बनाने की सामग्री देख वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया। सूचना उपरांत खाद्य औषधीय नियत्रण निरीक्षक रीना बंसल अपने अन्य स्टाफ के साथ मौके पर पहुंची। पूछताछ में वाहन चालक सर्वेश सिंह राठौर निवासी सुभाष नगर भिण्ड तथा वाहन मालिक आशीष राठौर उर्फ पंकज ने बताया कि नकली दूध बनाने वाली सामग्री के सप्लायर अमित जैन ने अल सुबह चार बजे कॉल कर उसे बताया था कि भाड़ा लेकर अकोड़ा में इंदल शर्मा की डेयरी पर जाना है। उसे नहीं मालूम था कि बोरियों और ड्रम के अंदर क्या है।
भाजपा पार्षद की डेयरी पर चल रहा था नकली दूध बनाने का धंधा
यहां बतादें कि अकोड़ा कस्बे के वार्ड-4 के भाजपा पार्षद भरतलाल शर्मा के बेटे इंदल शर्मा द्वारा डेयरी संचालित की जा रही है। बताया जा रहा है कि डेयरी पर पशुओं का दूध महज 400 से 500 लीटर पहुंचता है लेकिन डेयरी से हजारों लीटर दूध प्रति दिन टैंकर में लादकर बाहर भिजवाया जा रहा था। कार्यवाही की भनक लगते ही डेयरी संचालक इंदल शर्मा तथा उनके पार्षद पिता भरतलाल शर्मा फरार हो गए। इतना ही नहीं अकोड़ा में कार्यवाही की सूचना पाकर नकली दूध बनाने की सामग्री सप्लायर अमित जैन भी भिण्ड के हॉउसिंग कॉलोनी स्थित अपने घर में ताला डालकर परिवार सहित फरार हो गया है। खाद्य एवं औषधीय नियंत्रण निरीक्षक रीना बंसल ने अकोड़ा में डेयरी से दूध के सैंपल भी लिए हैं।
विदित हो कि नवंबर 2018 में खाद्य विभाग को मुखबिर द्वारा अमित जैन पुत्र उमेश जैन निवासी हॉउसिंग कॉलोनी द्वारा बड़ी मात्रा में नकली दूध बनाने की सामग्री सप्लाई किए जाने की पिन प्वॉइंट सूचना दी गई थी। हैरानी की बात यह है कि खाद्य एवं औषधीय विभाग का अमला गोदाम तक पहुंचने के बाद और कैमीकल आंखों से देखने के बाद भी टीम बिना कार्यवाही किए लौट गई थी। यदि यह कार्यवाही तभी की गई होती तो अगले एक वर्ष तक दूध के नाम पर जहर सप्लाई नहीं हो पाता। पूर्व में कार्यवाही क्यों नहीं की गई यह भी जांच का विषय है।
शहर में ग्वालियर रोड दबोहा मोड़ की पुलिया के निकट, ऊमरी के सिंहुड़ा में, कनावर के अलावा मेहगांव, अटेर तथा गोहद क्षेत्र में 50 से ज्यादा ऐसी डेयरियां संचालित की जा रही हैं जहां पशुओं का दूध नाम मात्र के लिए आता है जबकि डेयरी से हजारों लीटर के टैंकर भरकर बाहर प्रति दिन भिजवाए जा रहे हैं।