शहरवासियों की आस्था का केंद्र अचलेश्वर महादेव मंदिर पर हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। पिछले एक महीने से मंदिर के निर्माण का काम रुका होने पर श्रद्धालुओं के मन एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर मंदिर निर्माण रुका क्यों है। मंदिर निर्माण को लेकर धीमी गति क्यों हो गई है? कई दानदाताओं को इस सवाल पर न्यास के पदाधिकारी सिर्फ यह कहते नजर आ रहे हैं कि मंदिर का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा। राजस्थान से कारीगर और मजदूर आ रहे हैं। बीते दिनों 12 जनवरी को होने वाली बैठक में भी ये सवाल न्यास के पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य और सदस्यों ने उठाया, इस पर उन्हें भी यही जवाब दिया गया था कि मजदूर और कारीगर एक दो दिन में आ जाएंगे। इसके बाद काम शुरू हो जाएगा।
काम रोककर बनाया जा रहा दबाव
न्यास पदाधिकारियों ने बताया कि मंदिर निर्माण को लेकर पूर्व में 80 लाख रुपए दिए गए थे। पिछले दिनों निर्माण एजेंसी सुदर्शन इंजीनियरिंग की ओर से 50 लाख की मांग की गई थी। जिस पर न्यास की बैठक में 30 लाख दिए जाने की सहमति बनी। राशि जारी होने के बाद फिर मौखिक तौर पर 20 लाख दिए जाने की बात कही गई है। 20 लाख न मिलने पर काम शुरू नहीं हो पा रहा है।
न्यास ने मांगा नक्शा
न्यास ने निर्माण एजेंसी से काम की रूपरेखा जाननी चाही। आर्किटेक्ट बुलवाया और ऑडिट टीम ने पूरे काम की जानकारी मांगी। न्यास द्वारा नक्शा मांगा गया और किए गए काम का विवरण। ये जानकारी न्यास को नहीं मिल सकी है।
अब तक निर्माण एजेंसी को एक करोड़ 11 लाख की राशि का भुगतान हो चुका है। न्यास ने निर्माण एजेंसी ने नक्शा व अन्य जानकारी मांगी है वो अब तक नहीं मिल सकी।
नरेंद्र सिंघल, न्यासी, अचलेश्वर महादेव मंदिर सार्वजनिक न्यास