ग्वालियर। 30 से 35 साल की नौकरी कर सेवानिवृत्त होने पर एक कर्मचारी को अपने ही बीमा व भविष्य निधि में जमा राशि लेने के लिए पांच हजार तथा पेंशन शुरू कराने के लिए 10 से 15 हजार रुपए रिश्वत देनी पड़ रही है। भ्रष्टाचार का यह नमूना मंगलवार की दोपहर पत्रिका द्वारा सीएमओएच कार्यालय की पीएफ, बीमा एवं पेंशन शाखा में किए गए स्टिंग में सामने आया है।
30 जून 2016 को सेवानिवृत्त हुई स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारी ऊषा श्रीवास्तव का छोटा भाई बनकर पत्रिका रिपोर्टर सीएमओएच कार्यालय में दोपहर 12:15 बजे पहुंचा। जहां पीएफ एवं बीमा शाखा कार्यालय के बाबू आनंद भदौरिया से दावे भुगतान के लिए चर्चा हुई तो उन्होंने खुले शब्दों में कुल मिलाकर पांच हजार में बीमा एवं भविष्य निधि की धनराशि दिलवाने का सौदा किया।
जबकि पेंशन शाखा के बाबू राकेश शर्मा दफ्तर में मौजूद नहीं थे। ऐसे में उनसे पत्रिका रिपोर्टर ने मोबाइल पर पेंशन प्रकरण तैयार करने की बातचीत की। यहां बता दें कि गत 01 सितंबर 2016 को स्वास्थ्य विभाग के एक साथ 37 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं। ऐसे में सभी रिटायर कर्मचारियों से करीब छह से सात लाख रुपए की अवैध वसूली करने की तैयारी कर ली गई है।
बाबू आनंद भदौरिया से बातचीत के अंश…
प्र: एक काम से आए थे।
बाबू: बताए।
प्र: पत्रिका रिपोर्टर की ओर इशारा करते हुए, ये ऊषा श्रीवास्तव के भाई हैं।
बाबू: अच्छा वो जो रिटायर हो गई हैं।
प्र– उनका बीमा व भविष्य निधि की राशि मिलने में कम से कम खर्चा हो, यह हम चाहते हैं।
बाबू: आप चिंता मत करो, कारण ये है कि अधिकारी अब पंद्रह-पंद्रह, सत्रह- सत्रह लाख रुपए देकर आ रहे हैं तो उन्हें अब सब चीज (प्रत्येक कार्य) में चाहिए।
प्र: तो फिर कैसे व्यवस्था बन पाए।
बाबू: ये है कि अपुन फिर भी लिमिट में काम करा देंगे।
प्रर: वैसे कम से कम कितने में हो जाएगा, दीदी पूछ रहीं थीं।
बाबू: तो सुनो, 1800 से 2000 रुपए तो ट्रेजरी में देना पड़ेगा और इतने ही बीमा दावा प्रक्रिया में खर्च होंगे। अब यहां का और ऊपर का मिलाकर पांच हजार में हम सबको निपटा देंगे।
प्र: दीदी ने पूछा है कुल कितना खर्च आएगा ।
बाबू: दीदी को कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है, जो खर्चा आएगा वो हमने बता दिया। बीमा राशि सात तारीख तक सेंक्शन कर देंगे।
पेंशन शाखा के बाबू राकेश से बातचीत के अंश……….
प्र: नमस्ते साहब, राकेश शर्मा से बात करना थी।
बाबू: हां बोलो।
प्र: शर्मा जी ही बोल रहे हैं।
A: बाबू: हां जी
प्र: हमारी बड़ी सिस्टर हैं ऊषा श्रीवास्तव, वो सेवानिवृत्त हो गई हैं। उनका पेंशन प्रकरण तैयार होना था। मैं ये जानना चाह रहा था कि कितना खर्च आएगा।
बाबू– फाइल देखने के बाद ही बताएंगे।
प्र: एक मोटा अनुमान बता दीजिए, दीदी बोल रहीं थीं ताकि उतने रुपए निकालकर रख लें।
बाबू: अरे अनुमान फनुमान कुछ नहीं, वो तो हण्डे्रड परसेंट ही होगी, फाइल पास होने गई है, आ जाने दो, फाइल मौके पर होती तो हम अभी बता देते।