उनके बारे में कहा जाता था कि, अपने जीवनकाल में वो देश-दुनियां में जहां भी रहें, जब भी उन्हें मंगोड़े या लड्डू खाने का मन होता तो वो ग्वालियर से ये दोनों चीजें मंगा लिया करते थे। अब उनके निधन के बाद ग्वालियर स्थित चाची के मंगोड़े की दुकान पर सुबह बनने वाला पहला मंगोड़े का घान अटल जी की तस्वीर पर भोग लगाया जाता है।
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विपक्ष भी करता था प्रेम और सम्मान
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 में ग्वालियर में हुआ था। ग्वालियर में शिंदे की छावनी में बचपन बिताने वाले अटल बिहारी वाजपेयी की शुरुआती शिक्षा भी इसी शहर में हुई थी। हरी सिंह- दर्शन सिंह हायर सेकेंडरी स्कूल में स्कूली शिक्षा और फिर महारानी लक्ष्मीबाई आर्ट एन्ड कॉमर्स कॉलेज (तत्कालीन विक्टोरिया कॉलेज) से ग्रेजुएशन करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति का वो बड़ा नाम बने। खास बात ये थी कि, अटल जी को जितना सम्मान और प्रेम उनकी पार्टी से मिलता था उतना ही प्रेम और सम्मान उन्हें विपक्ष के नेताओं से भी मिलता था।
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चाची के मंगोड़े और बहादुरा के लड्डू के शौक
शहर के पुराने लोगों का कहना है कि, अटल जी के खाने के शौक की चर्चा ग्वालियर में आज भी है। अटल जी को वैसे तो बहुत चीजों का शौक था लेकिन उन्हें नया बाजार स्थित देसी घी के बने बहादुरा के लड्डू बहुत पसंद थे, इसके साथ ही दौलतगंज स्थित अग्रसेन पार्क के कोने पर छप्पर डालकर फुटपाथ पर दुकान लगाने वाली रामदेवी के हाथ के बने मंगोड़े भी बेहद पसंद थे , अटल जी रामदेवी को चाची कहकर बुलाया करते थे, इसी वजह से रामदेवी को पूरा शहर भी चाची के नाम से ही जानने लगा है।
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