अचलेश्वर महादेव सार्वजनिक न्यास की ओर से मंदिर जीणोद्धार को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। मंदिर का जीर्णोद्धार कराए जाने का काम सुदर्शन इंजीनियरिंग को दिया गया है। मंदिर नागर शैली के गुलाबी पत्थरों (जैसा की राम दरबार है) से बनाया जाएगा, जिसकी ऊंचाई करीब 70 फीट तक की होगी। मंदिर की जगह को कम-ज्यादा किए बगैर पूरा निर्माण होगा। मंदिर में वर्तमान में चार गेट हैं। इन गेटों की संख्या ६ की जाएगी, जिसमें एक वीआईपी गेट बनाया जाएगा, जोकि गणमान्य नागरिकों और मंदिर न्यास के सदस्यों के लिए आरक्षित रहेगा।
चांदी के पात्र से चढ़ेगा शिवलिंग पर जल
मंदिर समिति के सदस्यों का कहना है कि जीर्णोद्धार किए जाने के बाद मंदिर का लुक सोमनाथ के मंदिर की तर्ज पर दिया जाएगा। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए चांदी का पात्र लगाया जाएगा, जिसमें श्रद्धालु जल डालेंगे। इस पात्र के माध्यम से शिवलिंग पर जल चढ़ेगा। ऐसी व्यवस्था किए जाने के पीछे शिवङ्क्षलग का क्षरण रोका जाना बताया जा रहा है।
जीर्णोद्धार को लेकर सामान आना शुरू
मंदिर निर्माण को लेकर मशीनें आ चुकी हैं। फॉल्डिंग एंगल, पैरा बनाने के लिए सामग्री लाई जा रही है। पांच से सात दिसंबर तक पत्थर आने शुरू हो जाएंगे। बढ़ी तादाद में पत्थरों की तराशी का काम जयपुर और मथुरा के कारीगरों ने कर लिया है। इसके अलावा मंदिर परिसर के आस-पास भी पत्थरों की तराशी का काम किया जाएगा। कारीगरों के आने के बाद दस दिसंबर तक मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू कराए जाने का दावा किया जा रहा है।
मंदिर का जीर्णोद्धार 10 दिसंबर तक किए जाने की तैयारी है। पत्थर और कारीगर जल्द आएंगे। अभी निर्माण संबंधी सामग्री आ चुकी है। मंदिर के पत्थरों पर शिव-पार्वती व अन्य देवी-देवताओं के चित्रों को उकेरा जा रहा है।
जगदीश मित्तल, डायरेक्टर, सुदर्शन इंजीनियरिंग एजेंसी