जानें पूरा मामला
रामस्वरूप सिंह निवासी जहांगीरपुरा ने बताया रविवार रात को बेटी की शादी थी। उसमें उदय सिंह जाटव (40) भात देने आया था। सुबह विदा से पहले कुछ सामान की जरूरत थी तो उदय सिंह रिश्तेदार देवेश और विजय के साथ सामान लेने बाजार गए थे। तीनों बाइक से रवाना हुए। जडेरूआ तिराहे पर सीमेंट के ब्लॉक से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली आ रही थी। उसके चालक ने न तो इंडीकेडर दिया न टर्न होने का इशारा किया तेज रफ्तार में वाहन को घुमा दिया। बाइक से आ रहे उदय, विजय और महेश सीधे ट्रैक्टर ट्रॉली से टकराए।
पहिए के नीचे आया मौत
ट्रैक्टर से टकराने पर उदय सिंह बाइक से उचट कर ट्रैक्टर से टकरा कर सड़क पर गिरे और खुद को संभाल नहीं पाए। ट्रैक्टर का पिछला पहिया उनके सिर पर चढ़ गया। उदय की वहीं मौत हो गई, जबकि विजय और महेश जख्मी हो गए। तीनों को रौंदकर ट्रैक्टर चालक गाड़ी को वहीं छोड़कर भाग गया। रामस्वरूप सिंह ने बताया थोड़ी देर पहले तक घर में शादी की खुशियां थी। हादसे की खबर से मातम पसर गया।
बेटी की विदा को भूलकर परिवार जडेरूआ चौराहे पर पहुंच गया। यहां देखा उदय ङ्क्षसह लाश ट्रैक्टर के पिछले पहिए के नीचे फंसी थी। महेश और विजय अर्ध बेहोशी की हालत में पड़े थे। पहिए के नीचे आया मौत गुस्साई भीड़ ने ट्रैक्टर ट्रॉली फूंकी प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया आक्रोशित लोगों ने मोटरसाइकल से पेट्रोल निकाल कर ट्रैक्टर के टायरों पर छिड़ककर उसमें आग लगा दी, और लाश को वहीं तिराहे पर रखकर जाम लगा दिया। आगजनी और जाम पता चलने पर मुरार, गोला का मंदिर और पुरानी छावनी का फोर्स जडेरूआ तिराहे पर पहुंच गया। दमकल को बुलाकर ट्रैक्टर में लगाई आग को बुझवाया।
50 लाख रुपया, नौकरी दो
उदय सिंह की लाश रखकर जाम लगा रहे परिजन और परिचितों का आरोप था कि सड़क हादसे पुलिस की लापरवाही से हो रहे हैं। ट्रैक्टर ट्रॉली से पुलिस उगाही वसूलती है। इसलिए सड़कों पर ओवर लोड गाडिय़ां बेधड़क चलती हैं। उदय की मौत के पीछे भी यही कारण हैं। जाम लगाने वालों का कहना था उदय के परिवार में पत्नी और दो बेटे सचिन 16 और संजय 10 हैं। उदय ही कमाने वाला था उसकी मौत से परिवार के सामने गुजर बसर का संकट आ गया है। उदय के परिजन को 50 लाख रुपया नकद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए तब लाश उठाएंगे और रास्ता खोलेंगे।