दरअसल, बच्ची का किडनैप तब हुआ था जब बच्ची अपने घर के दरवाजे के पास खेल रही थी । बच्ची की खोजबीन शुरू हुई तो पास ही में बैठे बच्ची के पड़ोसी कल्लू ने बताया कि उसने बच्ची को कुछ दूर स्थित एक किराना दुकान के पास एक आदमी के साथ देखा था। कल्लू ने बताया कि युवक ने मासूम को टॉफी दिलाई और फिर उसे उसके घर कि तरफ ही लेकर चला गया।
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कल्लू की जानकारी के बाद बच्ची के पिता जो पेशे से एक टैक्सी ड्राइवर है उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस चारों तरफ टीम बनाकर बच्ची और किडनैपर की तलाश करने लगी लेकिन बहुत ढूंढने के बाद भी बच्ची नहीं मिली। तब पड़ोसी कुल्लू ने पुलिस को किडनैपर युवक का हुलिया बताया और उसका स्केच बनाया गया। हालांकि, किडनैपिंग की खबर एडिशनल एसपी तक पहुंची। उन्होंने तुरंत थाना प्रभारी के नेतृत्व में दो और टीमें बनाकर सर्चिंग को तेज कर दिया।
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काफी देर तक अपने जूते घिसने के बाद कल्लू और वेदराम की टीम ने किडनैपर को बच्ची साथ अस्पताल रोड पर दबोच लिया। पकड़े जाने के बाद किडनैपर ने अपने बारे में झूठ बोला। उसने बताया कि उसका नाम राधे खान है। पुलिस ने जब उसकी अच्छे से खातिरदारी की तब उसने अपनी सच्चाई बताई। उसने अपना असल नाम राधे उर्फ सचिन बताया और कहा कि वह पल्लेदारी का काम करता है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने कोतवाली थाने पहुंचकर कल्लू को शाबाशी दी और उसे प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करने की भी घोषणा की।