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ग्वालियर

मजदूरों के खातों में डाले 1 से 2 हजार रुपए,पेंशनरों को भ्री दी गई दो महीने की राशि

महिलाओं के जनधन खाते में राशि पहुंची तो शिवराज सरकार ने भी मजदूर पुरूषों के खातों में डाली राशि

ग्वालियरApr 05, 2020 / 09:05 am

Amit Mishra

Fuel Surcharge Hike

Thug diverted the attention of businessman and got 55 thousand rupees from counter

ग्वालियर। केंद्र सरकार ने जहां प्रधानमंत्री जनधन बैंक खातों में सिर्फ महिला हितग्राहियों के खातों में पांच-पांच सौ रुपए की राशि भेजी है, वहीं शिवराज सरकार ने भी पुरुष मजदूरों के खाते में राशि दिए जाने की घोषणा की है। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला पंचायत सीईओ एचपी वर्मा ने बताया कि कर्मकार मंडल (श्रमिक कार्ड वाले हितग्राहियों) में दर्ज मजदूरों के खाते में एक हजार रुपए की राशि डाली गई है। वहीं आदिवासियों के खाते में 2-2 हजार रुपए की राशि डाली जा रही है। यह वो राशि है जो प्रदेश की भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार से पूर्व सब्जी-भाजी के लिए शुरू की थी। यह राशि एक-एक हजार रुपए थी, जो दो माह की दी गई है। इसके अलावा पेंशनरों को भी दो माह की राशि बैंक खातों में डाली जा रही है।

जरूरी न तो हो बैंक जाने से बचे
उधर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनांतर्गत महिला हितग्राहियों के प्रधानमंत्री जनधन बैंक खातों में माह अप्रैल की सहायता राशि 500 रुपए प्रति खाते के मान से जमा की गई, जबकि पुरुष हितग्राहियों को कुछ भी नहीं दिया गया। मजदूरी बंद होने की वजह से परेशान हो रहे कमजोर वर्ग की महिलाओं को जब पता चला कि जनधन खाते में राशि आ गई, तो वे भीड़ की शक्ल में बैंक व कियोस्क सेंटर पर पहुंच रही हैं, जिसके चलते सोशल डिस्टेंसिंग में मुश्किल हो रही है। जिले में कुल 4.39 लाख महिला हितग्राहियों के खाते में कुल 21.95 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार ने भेजी है।

जनधन बैंक खाते खुलवा लिए
गौरतलब है कि केंद्र में पहली बार 2014 में जब भाजपा की सरकार बनी तो यह जुमला चला था कि बैंक खातों में 15-15 लाख रुपए आएंगे। सरकार बनने के बाद फिर एक आदेश आया था कि सभी लोग अपने जनधन बैंक खाते खुलवा लें, चूंकि 15-15 लाख बैंक खाते में डालने की बात चुनाव पूर्व की गई थी और फिर जब बैंक खाते खोलने की बात आईतो क्या महिला, क्या पुरुष सभी ने दिन-दिन भर बैंक की लाइन में लगकर अपने जनधन बैंक खाते खुलवा लिए।

खाते तो अभी भी खाली ही हैं
सरकार के पूरे पांच साल गुजरने के बाद भी जब बैंक खातों में राशि नहीं आई तो पिछले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल ने इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया था। बैंक खाता खुलने के बाद कोरोना वायरस जैसी आपदा के दौरान इन खातों में पहली बार पांच-पांच सौ रुपए की राशि डाली जा रही है, लेकिन इसमें भी सिर्फ महिलाओं के खाते में ही यह राशि डाली जा रही है, जबकि पुरुष हितग्राहियों के खाते तो अभी भी खाली ही हैं।

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