एनआरसी के अद्यतन से अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार यह संदेश गया कि असम अब जाने के लिए सुरक्षित आसान नहीं है। इसलिए हाल के दिनों में असम में अवैध घुसपैठ के मामलों में कमी आई है। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में सुधार और दोनों देशों के संबंध बेहतर होने के चलते अवैध घुसपैठ में कमी होने के आसार लगाए जा रहे हैं।
अमित शाह ने उठाया था मुद्दा
भारत सरकार ( Modi Government ) भी लगातार यह संदेश दे रही है कि वह घुसपैठ की समस्या को काफी गंभीरता से ले रही है। हाल ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah ) की बांग्लादेश की गृहमंत्री के साथ हुई बैठक में शाह ने भारत में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों के लिए प्रत्यार्पण का मुद्दा उठाया था।
बाड़ आई काम
सूत्रों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सीमा के नदी वाले इलाकों में सुरक्षा के लिए स्मार्ट कंटीली बाड़ लगाई जा रही है जिससे भी सकारत्मक नतीजे आ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा का नदी मार्ग जो कि धुबड़ी और करीमगंज जिले में हैं, घुसपैठ व तस्करी के लिए अति संवेदनशील है। यहां कंटीली बाड़ लगाना मुश्किल था। इसलिए सरकार ने आधुनिक प्रौद्योगिक का इस्तेमाल कर सीमाई इलाके को सुरक्षित करने का कदम उठाया। लेकिन इसे पूरा होने में थोड़ा समय लगेगा।
इस वजह से होती थी घुसपैठ
खुफिया एजेंसियों का कहना है कि बांग्लादेशी पहले वहां की खराब अर्थव्यवस्था के चलते रोजगार की तलाश में घुसपैठ करते थे। लेकिन अब वहां अर्थव्यवस्था अच्छी है। इसलिए बांग्लादेशी अपने को खतरे में डालकर यहां नहीं आना चाहते। हां,पहले से घुसपैठ कर चुके अवैध विदेशियों के एनआरसी अद्यतन के चलते देश के अन्य राज्यों में जाने से इनकार नहीं किया जा सकता। पर अब नए सिरे से भारी घुसपैठ होने की बात से खुफिया एजेंसियां इनकार कर रही है।