इसके नीति के तहत सालाना सर्वोच्च 50 लाख तक पांच साल के लिए प्रति यूनिट दो रुपये की पावर सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा 20 लाख तक 50 प्रतिशत जेनेरेटिंग सब्सिडी मिलेगी। जमीन खरीदने के लिए 25 लाख तक सौ फीसदी स्टंप ड्यूटी से छूट मिलेगी। 10 लाख रुपये तक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण होने पर 75 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। पांच लाख रुपये तक के एमएसएमई को 30 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। एसजीएसटी का रिंबर्समेेंट अधिकतम 15 सालों के लिए किया जाएगा।
पर्यावरणीय अनुकूलता के लिए वित्तीय सहायता कुल कैप्टिल पूंजी के 50 प्रतिशत यानी 25 लाख सीलिंग तक दी जाएगी। प्राइवेट सेक्टर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपरों को औद्योगिक ढांचागत तैयार करने के कुल लागत के 30 प्रतिशत तक यानी अधिकतम सीलिंग 3 करोड़ तक दी जाएगी। जमीन 30 एकड़ से कम नहीं होनी चाहिए। प्रत्येक स्थानीय युवाओं को रोजगार देने से 10 हजार रुपये की मदद दी जाएगी। सरकार 1 हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत वाले तथा नियमित न्यूनतम 2000 लोगों को रोजगार देने से
विशेष रियायत देगी।
इस नीति के तहत टैक्स रिंबर्समेंट का लाभ उन उद्योगों को दिया जाएगा, जो अगले पांच सालों तक अपना उत्पादन जारी रखेंगे। इस नियम का उल्लंघन करने वालों को टैक्स का लाभ पूरा लौटाना होगा और आगे उन्हें कोई तरह का रिंबर्समेंट नहीं मिलेगा।