पंजाब पुलिस ने इन्हें किया है गिरफ्तार पंजाब पुलिस ने खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के सदस्य के तौर पर सुखचैन सिंह निवासी गाँव सेहरा पुलिस थाना गंडा खेड़ी जि़ला पटियाला , अमृतपाल सिंह निवासी गाँव अचानक पुलिस थाना बोहा जि़ला मानसा और जसप्रीत सिंह निवासी बोरेवाल सोहन थाना मजीठा को गिरफ्तार किया है। इनके एक अन्य साथी लवप्रीत सिंह निवासी कैथल को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता के अनुसार आतंकवादी मॉड्यूल पाकिस्तान, साउदी अरब और यूके आधारित खालिस्तानी समर्थकी तत्त्वों के इशारे पर पंजाब के विभिन्न हिस्सों में चल रहा था। पंजाब पुलिस ने इस साल के पहले छह महीनों में ही कुल 9 आतंकवादी मॉड्यूलों का पर्दाफाश किया है।
इससे पहले खालिस्तान की बात कही थी जिसका हुआ था विरोध बता दें कि इससे पहले ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी के मौके पर जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था कि यदि केंद्र सरकार मंजूर करे तो उन्हें खालिस्तान मंजूर है। इसके बाद कई कांग्रेस नेताओं और कुछ सिख संगठनों ने कहा था कि कुछ तत्वों को छोड़ कर सारे सिख खालिस्तान नहीं चाहते हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा था कि सिख खालिस्तान के पक्ष में नहीं है। इसके बाद जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने तलवंडी साबो में कहा था ‘खालिस्तान के नाम पर सिखों का परिभाषित नहीं किया जाना चाहिए। सिख दुनिया भर में शांति, सर्व सांझीवालता और सबका भला चाहते है।‘
बेगुनाह युवाओं को गिरफ्तार करना सही नहीं पत्रकारों से बातचीत के दौरान ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि खालिस्तान के नाम पर बेगुनाह युवाओं को गिरफ्तार करना सही नहीं है। इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए कि पुलिस की ओर से गिरफ्तार किए गए युवा सच में किसी खालिस्तानी गतिविधि में शामिल है या फिर उनको एक साजिश के तहत फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि संगत द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब की जानकारी में यह बात लाई गई थी कि पंजाब पुलिस युवाओं को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। मामले की जांच के लिए एसजीपीसी को कहा गया है।
एजीपीसी ने आदेश सिरमाथे लिया, जांच कराई जाएगी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष दोविन्द सिंह लोगोंवाल ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह का आदेश सिर माथे लिया है। उन्होंने कहा- जत्थेदार के आदेश पर एसजीपीसी द्वारा पुलिस की ओर से खालिस्तानी गतिविधियों के आरोप में पकड़े गए तीन युवाओं के मामले की जांच करवाई जाएगी। आरोप गलत पाए गए तो एसजीपीसी के लीगल विभाग से चर्चा कर उन्हें कानूनी सहायता दी जाएगी।