लक्ष्मीगंज, हाटरोड, पुरानी गल्ला मंडी और निचले बाजार से ही लाखों का कारोबार है। जहां कार्बाइड से पके फल बिना रोकटोक बेचे जा रहे हैं। कलेक्टर भास्कर लाक्षाकार द्वारा मिलावट खोरों के खिलाफ एक अभियान पूरे जिले में चलवाया जा रहा है। उनके निर्देशन में प्रशासनिक टीम लगातार मिलावट खोरों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। मिलावटी दूध और नमकीन वालों के यहां कार्रवाई भी हुई है, लेकिन अभी प्रशासन का ध्यान उन लोगों पर नहीं गया जो गंदे नाले के पानी से सींचकर सब्जियां तैयार कर रहे हैं और कैमिकल से फलों को पकाकर बाजार में बेचने के साथ-साथ गुना के लोगों को धीमा जहर देने का काम कर रहे हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि ऐसी सब्जियां और फलों के खाने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के आप शिकार हो सकते हैं।
पत्रिका टीम जब गुना शहर मेें गंदे नाले के पानी से सींचकर सब्जियां तैयार करने और कैमिकल कार्बाइड के जरिए फलों को पकाए जाने को देखने पहुंचा तो कई जगह सब्जियों को बेधड़क गंदे पानी से सींचा जा रहा था।
यहां होती है गंदे पानी से तैयार फसल व सब्जी गुना में ईदगाह बाड़ी, पिपरौदा खुर्द, कर्नलगंज क्षेत्र में नाले के पानी से सब्जियों को सींचा जाता है। नाले किनारे लोगों ने अपने पाइप भी लगा रखे हैं। जुलाई माह में बारिश थमने पर नाले के पानी का भरपूर उपयोग हुआ। इसके अलावा लौकी, भिंडी, सेम, टमाटर, गिल्की का आकार बढ़ाने केमिकल का उपयोग हो रहा है। गुना में शहर के अलावा झागर और आसपास के गांवों से आने वाली हरी सब्जियों में भी कलर का उपयोग हो रहा है। इसके बाद भी प्रशासन और नपा ने अब तक स ती नहीं की है।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक के बाद भी गंदे और केमिकल युक्त पानी से तैयार होने वाली सब्जियों की बिक्री खुले आम बाजार में हो रही है।
ये बोले जिम्मेदार केमिकल और गंदे पानी से तैयार हरी सब्जियों में आर्सनिक, मरकुरी, लेड आदि की मात्रा बढ़ जाती है। जो कैंसर के खतरे को कई गुना बढ़ा देती है। कार्बाइड से पके फल भी सेहत के लिए नुकसानदेह हैं। इससे बचना चाहिए।
डॉ. वीरेंद्र रघुवंशी, नोडल ऑफिसर कैंसर कीमोथ्रोपी