पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र में फैली इस सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय नजर आ रहा है। भाजपा प्रत्याशी प्रियंका मीणा भारतीय राजस्व सेवा के अफसर की पत्नी है। भाजपा से बागी होकर आप से चुनाव लड़ रही ममता मीणा रिटायर्ड आईपीएस अफसर रघुवीर सिंह मीणा की पत्नी हैं। मौजूदा विधायक लक्ष्मण सिंह कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के भाई हैं। वे पड़ोस की राजगढ़ लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं। इस सीट को कांग्रेस से छीनने के लिए भाजपा ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर को प्रभारी बना रखा है। इस सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चुनाव लडऩे के लिए यहां के तत्कालीन विधायक शिवनारायण मीणा ने इस्तीफा देकर खाली किया था।
मीणा समाज के वोट निर्णायक
राजनीतिक जानकारों के अनुसार इस सीट पर मीणा समाज निर्णायक की भूमिका में रहता है। समाज के लगभग 60 हजार मतदाता है। इसके अलावा एससी एसटी के लगभग 50 हजार, लोधा समाज के 20 हजार, गुर्जर समाज के 15 हजार, माली समाज के दस हजार, अन्य समाज के 50 हजार से अधिक वोट है। सन् 2018 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह ने भाजपा प्रत्याशी ममता मीणा को 9 हजार 797 वोटों से पराजित किया था। लक्ष्मण सिंह को 81 हजार 908 वोट और ममता को 72 हजार 111 वोट मिले थे।
एक नजर विधानसभा क्षेत्र चांचौड़ा
सन- विधायक- पार्टी
1951-द्वारिका दास-हिन्दू महासभा
1957- सागर सिंह सिसौदिया कांग्रेस
1962- प्रभु लाल मीना- निर्दलीय
1967- सागर सिहं सिसौदिया- स्वतंत्र पार्टी
1972- कृष्ण बल्लभ गुप्ता-भारतीय जनसंघ
1977- कृष्ण बल्लभ गुप्ता- जनता पार्टी
1980- देवेन्द्र सिंह – कांग्रेस आई
1990- राम बहादुर सिंह परिहार- भाजपा
1993- शिवनारायण मीना- कांग्रेस
1994-दिग्विजय सिंह -कांग्रेस
1998-शिवनारायण मीना-कांग्रेस
2003-शिवनारायण मीना- कांग्रेस
2008-शिवनारायण मीना-कांग्रेस
2013-ममता मीना- भाजपा
2018-लक्ष्मण सिंह-कांग्रेस
पहली बार जिले में सबसे अधिक वोट डालेंगे युवा
निर्वाचन आयोग के अनुसार चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र में पहली बार जिले में सबसे अधिक युवा यानि 11995 युवा वोट डालेंगे। इस विधानसभा क्षेत्र में पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,23,820 और महिला मतदाताओं की संख्या 1,13,284 है।