अस्पताल में एक जगह ऑपरेशन थियेटर संचालन को लेकर सीएस सहित प्रबंधक से चर्चा कर कारण जाने। पांच घंटे से अधिक समय तक निरीक्षण करने के बाद डॉ शुक्ला कलेक्ट्रेट चले गए। जहां उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर कलेक्टर से बात की। इस दौरान बैठक में अस्पताल की सीएस व प्रबंधक मौजूद रहीं।
जानकारी के मुताबिक संयुक्त संचालक डॉ पंकज शुक्ला व डॉ विवेक मिश्रा कायाकल्प अभियान के तहत जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के उददेश्य से मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सुबह करीब साढ़े 9 बजे से अस्पताल की ओपीडी से लेकर अस्थि, सर्जिकल, आईसीयू, ओटी, ट्रोमा यूनिट सहित मेटरनिटी विंग का बारीकी से निरीक्षण किया।
इस दौरान उनके साथ एडीएम लोकेश जांगिड़, सीएस डॉ एसके श्रीवास्तव, प्रबंधक डॉ शिल्पा टांटिया, सीएमएचओ पी बुनकर, आरएमओ डॉ पीएन धाकड़ मौजूद थे। डॉ शुक्ला को पूरे निरीक्षण के दौरान अस्पताल के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सबसे बड़ी कमी नजर आई।
क्योंकि अस्पताल में निर्मित ट्रोमा सेंटर यूनिट का उपयोग दूसरे काम में लिया जा रहा है। वहीं मेटरनिटी विंग में आने वाली महिलाओं का यदि सीजर ऑपरेशन होता है तो उन्हें किसी भी मौसम में चाहे बारिश हो या ठंड या गर्मी, हर मौसम में स्ट्रेचर पर लिटाकर खुले परिसर से होकर मुख्य अस्पताल के ऑपरेशन थियेरटर में ले जाना पड़ता है। इस व्यवस्था में मरीज को न सिर्फ शारीरिक कष्ट सहन करना पड़ता है बल्कि इन्फेक्शन का भी खतरा रहता है। इस परेशानी को देखते हुए संंयुक्त संचालक ने अस्पताल के सीएस व प्रबंधक से बातचीत कर एक जगह ओटी बनाने के लिए उसे चर्चा की।
सभी वार्डों का भ्रमण करने के बाद संयुक्त संचालक जब मेटरनिटी विंग पहुंचे तो यहां उनकी नजर ड्यूटी डॉक्टर रूम में लगे नोटिस बोर्ड पर गई। जहां उन्होंने देखा कि भर्ती प्रसूताओं की संख्या तथा सीजर की संख्या तथा बिना सूचना अस्पताल छोडऩे वाली महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा थी। यही नहीं अधिकांश महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई। जिसके लिए उन्होंने स्टाफ से सवाल जवाब करते हुए कहा कि जिन महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है उनकी पूरी जानकारी एकत्रित की जाए। साथ ही उन्हें ब्लड मिलने व सेंपल देने के लिए परेशान न होना पड़े।
यह बोले जिम्मेदार
संयुक्त संचालक डॉ पंकज शुक्ला व कंसलटेंट डॉ विवेक मिश्रा ने कायाकल्प अभियान के तहत अस्पताल की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए भ्रमण किया है। जो भी कमियां उन्हें नजर आई हैं उन्हें हम सब मिलकर दूर करेंगे।
डॉ शिल्पा टांटिया, प्रबंधक जिला अस्पताल