सुलेमानी की बेटी जेनाब सुलेमानी ( Zeinab Soleimani ) ने सोमवार को तेहरान में उनके अंतिम संस्कार के दौरान एक बड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि अमरीका और उसके सहयोगी इजरायल को उनके पिता की मौत के लिए ‘काले दिन’ का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर जनरल कासिम सुलेमानी पर हवाई हमला कराया गया, जिसमें उनकी मौत हो गई थी।
राज्य टेलीविजन ‘अल-मनार टीवी’ पर प्रसारित एक कार्यक्रम में जेनाब सुलेमानी ने कहा, ‘सनकी ट्रंप (Crazy Trump), ऐसा मत सोचो कि मेरे पिता की मृत्यु के साथ सब कुछ खत्म हो गया है।’
इससे पहले जेनाब ने कहा था कि उनके पिता की मौत उन्हें तोड़ नहीं पाई है.. अमरीका को यह जान और समझ ले कि उनका खून बेकार नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि वह जानती हैं कि हिजबुल्ला नेता हसन नस्त्रल्लाह उनके पिता की मौत का बदला लेंगे।
तेहरान में सुलेमानी का किया गया अंतिम संस्कार
बता दें कि सोमवार को ईरान की राजधानी तेहरान में कासिम सुलेमानी का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामनेई की ओर से शोक सभा का आयोजन भी किया गया। राष्ट्रपति हसन रूहानी सहित कई बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे।
सुलेमानी की मौत के बाद अमरीका-ईरान में बढ़ा तनाव, पाकिस्तान पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव!
मालूम हो कि ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर और देश के दूसरे सबसे बड़े ताकतवर व्यक्ति कासिम सुलेमानी को अमरीका ने इराक की राजधानी बगदाद में एक हवाई हमले में मार गिराया था।
इसके बाद से पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव का माहौल है। अमरीका की इस कार्रवाई से कई देश सहमे हुए हैं। पूरी दुनिया में इसका विरोध किया जा रहा है। लोग अमरीका के खिलाफ मार्च निकाल रहे हैं।
अमरीका पर भड़का इराक
अमरीका की इस कार्रवाई से इराक भी सदमें है। यही कारण है कि कासिम की मौत के बाद बुलाए गए संसद के विशेष सत्र में इराक के आउटगोइंग पीएम अबदुल मेहदी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि देश में मौजूद विदेशी सेना को बाहर करने का प्रस्ताव सदन में रखा जाए।
अबदुल मेहदी ने सुलेमानी की मौत को राजनीतिक हत्या करार देते हुए कहा कि अमरीकी फौज को इराक में किसी भी तरह का मिलिट्री एक्शन लेने का अधिकार नहीं है। विदेशी फौजों को यहां पर इराक की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था न कि उन्हें असुरक्षित करने के लिए।
ईरान में सुलेमानी की मौत पर फूटा गुस्सा, ट्रंप का सिर कलम करने पर 80 मिलियन डॉलर का इनाम रखा
उन्होंने कहा कि इराक की मदद के नाम पर अमरीका द्वारा कासिम और मुहेदी की हत्या को इराक किसी भी सूरत से कुबूल नहीं कर सकता है। बता दें कि इराक में विद्रोही समूहों की ओर से फैलाई जा रही अशांति को लेकर अमरीकी सैनिकों की तैनाती गई है।
Read the Latest World News on Patrika.com. पढ़ें सबसे पहले World News in Hindi पत्रिका डॉट कॉम पर. विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर.