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20 फीसदी अधिक संवर्द्धन की जरूरतकमालवंडी के अनुसार देश की जरूरत के आधार पर यूरेनियम संवर्द्धन को गति दी जा रही है। उन्होंने कहा कि ईरान, परमाणु हथियार ( Atomic Weapon ) बनाने की राह से कुछ कदम ही दूर है। इसके लिए उसे महज 20 फीसदी अधिक संवर्द्धन की जरूरत है। गौरतलब है कि ईरान ने बीते माह ही एटमी करार का पालन करने से इनकार किया था। आपको बता दें कि जब से ट्रंप ने सत्ता संभाली है तब से अमरीका परमाणु हथियारों को लेकर ईरान की आलोचना करता रहा है। उसका कहना है कि अगर परमाणु हथियारों को ईरान ने हासिल कर लिया तो यह पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी होगी।
ईरान की यह घोषणा इस बात का संकेत है कि ईरान 2015 के करार के अनुसार अपने उस संकल्प को तोड़ेगा जो पिछले साल ट्रंप द्वारा अमरीका को न्यूक्लियर डील ( US-Iran nuclear deal ) से बाहर निकालने और ईरान पर सख्त आर्थिक प्रतिबंधों को लागू करने के बाद से अप्रभावित था । यह करार 2015 में ओबामा सरकार के काल हुआ हुआ था। इसके तहत तेहरान ने अपनी संवेदनशील परमाणु गतिविधियों को सीमित करने और आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों को उसके परमाणु प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करने की अनुमति देने पर सहमति जताई थी।
दुनिया में परमाणु हथियारों की होड़ बढ़ती जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल हालात पर नियंत्रण तो हैं लेकिन सभी महाशक्तियां अपने परमाणु शस्त्र भंडार को समृद्ध कर रही हैं। अमरीका, रूस, ब्रिटेन, चीन, भारत, पाकिस्तान, इजराइल और उत्तर कोरिया के पास करीब 13,865 परमाणु हथियार ( nuclear weapon ) मौजूद हैं। 2018 की तुलना में देखा जाए तो 600 हथियार कम हैं। इस बात का भी खुलासा हुआ है कि दुनिया के 90 फीसदी परमाणु हथियार अकेले रूस और अमरीका के पास मौजूद हैं।