सार्वजनिक सूचना प्रणाली होगी विकसित
आईएसटीएमएस की स्थापना के जरिए क्षेत्र के यातायात प्रबंधन को अधिक कुशल व सुरक्षित बनाने के लिए विभिन्न तकनीकों की एकीकरण प्रक्रिया पर फोकस किया जाएगा। इस परियोजना में एक व्यापक यातायात प्रबंधन प्रणाली, वीडियो निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली व सार्वजनिक सूचना प्रणाली विकसित होगी। वहीं, प्रक्रिया के अंतर्गत, इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर (आईसीसी) की भी स्थापना होगी, जिससे नागरिकों व यहां आने वाले आगंतुकों की जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वार इस प्रक्रिया को पूरा कराया जाएगा।
क्या है आईएसटीएमएस
इंटीग्रेटेड एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईएसटीएमएस) को सेफ सिटी एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एससीएमसी) नाम से भी जाना जाता है। आईटीएमएस का उद्देश्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों और यातायात प्रबंधकों को नागरिकों, संपत्तियों, यातायात प्रवाह और यातायात भीड़/घटनाओं के बारे में वास्तविक समय और पूर्वानुमानित जानकारी प्रदान करना है। समाधान को विशेष रूप से महिला, बच्चे और वरिष्ठ नागरिकों के लिए नागरिक सुरक्षा में सुधार लाने के साथ-साथ अनुकूली नियंत्रण और विश्लेषण के माध्यम से शहरी सड़कों की सुरक्षा और प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हुए लागू किया जाएगा।
कैसे मिलेगा फायदा
वीडियो निगरानी कैमरों, स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल नियंत्रण, गतिशीलता में आसानी, आपातकालीन सेवाओं का प्रबंधन, डेटा एनालिटिक्स, रूटिंग और डिस्पैचिंग सेवाएं, सार्वजनिक सूचना प्रणाली आदि को प्रक्रिया के जरिए सुनिश्चित किया जाएगा। यातायात प्रबंधन प्रणाली में कनेक्टिविटी, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकियों के पारिस्थितिकी तंत्र के उचित कामकाज के लिए सभी आवश्यक घटक होंगे। नोएडा और गाजियाबाद में पहले से ही लागू
प्रक्रिया के अंतर्गत 12 महीने के अंदर आईएसटीएमएस प्रणाली को रोलआउट करने का टाइम पीरियड निर्धारित किया गया है। नोएडा और
गाजियाबाद में पहले से ही इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रणाली को लागू किया जा चुका है। सीएम योगी की जीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाते हुए, परियोजना के अंतर्गत इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट के जरिए रियल टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग की जाएगी, जिससे अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी। प्रणाली के लागू होने से ट्रैवल टाइम में कमी लाने में मदद मिलेगी।
चौराहों पर यातायात के सामान्य प्रवाह को विनियमित और बनाए रखने के लिए परिवहन बुनियादी ढांचे की दक्षता में वृद्धि की जाएगी, जिससे भीड़भाड़ में कमी, यात्रा समय में कमी, ईंधन की खपत व कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद मिलेगी।ऑपरेशनल एफिशिएंसी में बढ़ोत्तरी, कस्टमर सर्विसेस में इजाफा, रियल टाइम इन्फॉर्मेशन एक्सेस, यूजर फ्रेंडली इंटरफेस तथा इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (आईटीएस) को लागू करने का माध्यम बनेगा।