8000 से ज्यादा लोगों को रोजगार यमुना प्राधिकरण के सेक्टर-28 में मेडिकल डिवाइस पार्क का लगा बोर्ड, इसी स्थान पर साढ़े तीन सौ एकड़ भूमि पर भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना मेडिकल डिवाइस पार्क को बनाया जा रहा है। सर्जीकल आइटम और मेडिकल फील्ड से जुड़ी मशीनें अब जेवर में नोएडा एयरपोर्ट के पास बनेंगी, इसका लाभ कंपनियों को मिलेगा। इसलिए इस योजना लांच करने से पहले इसका देश.विदेश में प्रचार.प्रसार भी किया गया है। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि 556 करोड़ रुपये का लागत से बन इस पार्क मे मेडिकल उपकरण बनाने वाली बड़ी कंपनियां अपने उपक्रम लगा रही है। जिससे 8000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल पाएगा। मेडिकल डिवाइस पार्क का फेज वन में तय लक्ष्य के अनुसार प्राधिकरण ने 37 भूखंड आवंटन का लक्ष्य रखा था, जिसे पूरा कर लिया गया है।
यह भी पढ़े –
ओखला बर्ड सैंक्चुरी में होगी नए पक्षियों की एंट्री, स्वागत की तैयारी में जुटा प्रबंधन इन कंपनियों को दिया जाएगा मौका सीईओ अरुणवीर सिंह ने कहा कि यमुना प्राधिकरण मेडिकल डिवाइस पार्क में अब फेज दो की योजना ला रहा है। यह योजना 30 भूखंडों की होगी। इस स्कीम में इनविट्रो डायग्नोस्टिक मेडिकल किट बनाने वाली कंपनियों को मौका दिया जाएगा। मेडिकल डिवाइस पार्क की फेस वन की योजना में खंड छूट गया था। मेडिकल में इन किट की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है। क्योंकि सभी तरह की जांच इन किट के द्वारा ही की जाती है।
एफएफसी पर आधारित होगा डिवाइस पार्क
यमुना प्राधिकरण मेडिकल डिवाइस पार्क में फ्लैटेड फैक्टरी कॉन्सेप्ट (एफएफसी) पर आधारित होगी। इस योजना में ऐसे कारोबारी भी कारोबार शुरू कर सकते हैं, जिनके पास कम पूंजी है। इनके पास भूमि खरीदने और फैक्टरी बनवाने से लेकर उसका स्ट्रक्चर तक तैयार कराने लायक लागत नहीं है। ऐसे में फ्लैटेड फैक्टरी कॉन्सेप्ट बहुत ही काम आता है। इस एफएफसी योजना के तहत अपने काम के हिसाब से फैक्टरी में पहले से तैयार फ्लोर किराए पर लेकर काम शुरू किया जा सकता है।