लिफ्ट में अकेली गर्भवती महिला के साथ हुआ एेसा, जानकर कांप जाएंगी आपकी रूह
गर्भवती पत्नी को लेकर गया जा रहा था पति
बिहार के शेखूपुर भदौसी के सुनील महतो अपनी पत्नी रीता के साथ सियालदह एक्सप्रेस के कोच एस-9 की बर्थ 36, 37, 38 पर गया के लिए जा रहे थे। वह ट्रेन के गाजियाबाद स्टेशन से आगे ही निकले थे कि उनकी पत्नी को प्रस पीड़ा होने लगी। इसकी सूचना उन्होंने रेलवे के कर्मचारी को दी। रेलवे के गार्ड ने तुरंत ही अागे आने वाले दादरी स्टेशन के प्रभारी से बात की।
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बातकर रोक दी ट्रेन आैर फिर किये इतजाम
रेलवे के गार्ड ने दादरी स्टेशन के प्रभारी को इसकी जानकारी दी। यहां पर ट्रेन को स्टाॅप नहीं था। लेकिन प्रभारी ने महिला के प्रसव का पता लगते ही दादरी में ट्रेन रुकवा दी। इस दौरान स्टेशन प्रभारी की सूचना पर एेंबुलेंस के साथ लेडी डॉक्टर भी पहुंच गईं।ट्रेन रुकने पर डॉक्टर बोगी में पहुंची और महिला को प्रसव कराया। जिसके बाद महिला ने बेटे को जन्म दिया। इस दौरान दादरी स्टेशन पर करीब 40 मिनट तक ट्रेन खड़ी रही। ट्रेन रुकने की वजह से लोगों में गुस्सा दिखार्इ दिया। लेकिन जैसे ही उन्हें इसके रुकने की वजह का पता लगा। तो सभी के चेहरों पर मुस्कान के साथ खुशी आ गर्इ। वहीं दादरी स्टेशन इंचार्ज एमएस मीना ने बताया कि महिला को रात भर डॉक्टरों की निगरानी में रखने के बाद सोमवार को उन्हें गया के लिए रवाना कर दिया गया।
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रेलवे की आेर से दिया जा सकता है गिफ्ट
वहीं आप को बता दें कि मर्इ माह के पहले हफ्ते में ट्रेन से जलंधर जा रहे एक महिला ने अचानक प्रसव होने की वजह से ट्रेन कर्मचारियों ने केबिन खाली कराया था। जिसके बाद महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। परिजनों ने बताया कि डाॅक्टरों ने उन्हें डिलीवरी डेट इससे अगले महीने की दी थी। जिसके चलते वह गांव जा रहे थे। लेकिन डिलीवरी समय से पहले ही हो गर्इ थी। वहीं रेलवे कर्मचारियों आैर यात्री महिलाआें के सहयोग से महिला की डिलीवरी करा दी गर्इ। साथ ही जच्चा-बच्चा को भी सुरक्षित रखा गया। इसके साथ यहां रेलवे अधिकारी ने अपने अधिकारियों से बात कर रेल में जन्म लेने वाले बच्चों को तोहफा देने के लिए प्रस्ताव रखने का दावा किया।